logo

ट्रेंडिंग:

UP की चिंगारी ने बिहार को भड़काया? BPSC विवाद की पूरी कहानी

बिहार में BPSC की परीक्षा को लेकर बवाल जारी है। कथित पेपर लीक को शुरू हुआ बवाल अब बढ़ता जा रहा है। अभ्यर्थी पूरी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उधर, BPSC ने साफ कर दिया है कि परीक्षा रद्द नहीं होगी।

bpsc protest

BPSC की परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े छात्र। (फोटो-PTI)

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक बवाल जारी है। लाठीचार्ज और गिरफ्तारी के बाद भी अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को दिल्ली में JNU छात्र संघ ने JDU दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की। उधर, पटना में अभ्यर्थियों ने बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात की। अभ्यर्थी रि-एग्जाम की मांग पर अड़े हैं। हालांकि, BPSC के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने साफ कर दिया कि परीक्षा दोबारा नहीं होगी।


इससे पहले रविवार को गांधी मैदान में अभ्यर्थी जुटे थे। यहां से अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही जेपी गोलबंर के पास पुलिस ने रोक दिया। पुलिस पर अभ्यर्थियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल करने का आरोप लग रहा है। इस मामले में पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं।


अब जब BPSC की परीक्षा को लेकर इतना बवाल जारी है तो ये जानना भी जरूरी है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई? अभ्यर्थियों की मांगें क्या हैं? और इन सब पर प्रशासन का रुख क्या है?

UPPSC से BPSC तक

वैसे तो राज्य सरकारों की परीक्षाओं और कथित पेपर लीक को प्रदर्शन होते रहते हैं, लेकिन BPSC के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन शायद ही कभी हुआ हो। इस सबकी शुरुआत हुई UPPSC से।

 

नवंबर की शुरुआत में UPPSC की परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। छात्रों की जिद के आगे UPPSC को झुकना पड़ा और वो 'वन शिफ्ट-वन एग्जाम' मोड पर राजी हो गया। इससे नॉर्मलाइजेशन खत्म हो गया। नॉर्मलाइजेशन तब लागू होता है जब एक ही एग्जाम अलग-अलग शिफ्ट में हो।


UPPSC के फैसले के महीनेभर के भीतर ही BPSC ने अलग-अलग शिफ्ट में एग्जाम कराने की घोषणा की। इस एग्जाम में 1,957 भर्तियों के लिए 4.8 लाख उम्मीदवार थे। एग्जाम अलग-अलग शिफ्ट में होने थे। दिसंबर के पहले हफ्ते में इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने नॉर्मलाइजेशन खत्म कर एक ही शिफ्ट में एग्जाम कराने की मांग की। सैकड़ों अभ्यर्थियों ने BPSC दफ्तर पहुंचने की कोशिश भी की, जिनपर पुलिस ने लाठीचार्ज की। 


BPSC ने जब एग्जाम का नोटिफिकेशन जारी किया तो उसमें नॉर्मलाइजेशन का जिक्र नहीं था। हालांकि, BPSC के अध्यक्ष रवि परमान के एक बयान से ऐसा संदेश गया कि सरकार अगले साल होने वाली 71वीं परीक्षा में इसे लागू कर सकती है। इसका विरोध शुरू हो गया। हालांकि, बाद में रवि परमार ने साफ किया कि ये परीक्षा 'वन शिफ्ट, वन एग्जाम' मोड में ही होगी। इसके बाद अभ्यर्थी 13 दिसंबर को परीक्षा देने पहुंचे।

 

एक सेंटर से शुरू हुआ बवाल

13 दिसंबर को बिहार में BPSC की ओर से 70वीं इंटीग्रेटेड कंबाइंड कॉम्पिटेटिव एग्जाम (CCE) आयोजित किया गया। बिहार के 912 सेंटर्स पर ये परीक्षा हुई। बवाल हुआ पटना के बापू सेंटर पर। अभ्यर्थियों ने एग्जाम पेपर आधे घंटे की देरी से मिलने का आरोप लगाया। साथ ही क्वेश्चन पेपर कटे-फटे होने का दावा भी किया। 


इस बीच बापू सेंटर के बाहर पेपर लीक का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। यहां डीएम चंद्रशेखर सिंह ने प्रदर्शन कर रहे एक अभ्यर्थी को कथित तौर पर थप्पड़ जड़ दिया। उसी शाम BPSC ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ। बापू एग्जाम सेंटर में हुई कथित गड़बड़ी की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। 

जांच रिपोर्ट में क्या आया?

दो दिन बाद यानी 15 दिसंबर को पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने जांच रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि कुछ असामाजिक तत्व परीक्षार्थी बनकर परीक्षा में शामिल हुए थे। इनका एक ग्रुप बाहर भी था, जो हंगामा करने के लिए तैयार था। जांच रिपोर्ट आने के बाद BPSC ने बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। ये भी फैसला लिया कि इन अभ्यर्थियों की परीक्षा फिर से होगी। नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा। 

परीक्षा रद्द करने की मांग और सियासत

जब BPSC ने बापू सेंटर में हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया तो पूरी परीक्षा ही रद्द करने की मांग जोर पकड़ने लगी। 18 दिसंबर को 500 से ज्यादा अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे। सभी की मांग थी कि एक सेंटर की नहीं, बल्कि पूरी परीक्षा ही रद्द की जाए। 


अभ्यर्थी धरने पर बैठे तो सियासतदान भी इसमें कूद पड़े। 21 दिसंबर की रात 9 बजे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव धरनास्थल पहुंचे और अभ्यर्थियों से मुलाकात की। तेजस्वी ने कहा अगर आप एक कदम चलेंगे तो तेजस्वी चार कदम चलेगा। उसी रात पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने फेसबुक लाइव आकर धरना कर रहे अभ्यर्थियों का समर्थन किया। 23 दिसंबर को पप्पू यादव गर्दनीबाग पहुंचे और दिनभर अभ्यर्थियों के साथ धरना दिया। उसी रात अभ्यर्थियों के साथ ही उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया। अगले दिन भी पप्पू यादव यहां बैठे रहे। 


26 दिसंबर की शाम को जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर भी गर्दनीबाग पहुंचे और धरना दे रहे अभ्यर्थियों का समर्थन किया। अगले दिन खान सर भी पहुंचे लेकिन अभ्यर्थियों के विरोध के बाद उन्हें यहां से लौटना पड़ा।

 

गांधी मैदान से सीएम आवास तक बवाल

29 दिसंबर की सुबह से ही अभ्यर्थी पटना के गांधी मैदान पर जुटने लगे। अभ्यर्थियों की एक ही मांग थी- परीक्षा रद्द हो। दोपहर तक प्रशांत किशोर भी यहां पहुंचे। अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'मुख्यमंत्री के पास प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों की शिकायतें सुनने का समय नहीं है। वो दिल्ली चले गए हैं। जब तक परीक्षा रद्द करने की मांग नहीं मानी जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा। मैं हमेशा प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ हूं।'


देर शाम तक अभ्यर्थी और भड़क गए। सीएम आवास पहुंचने की जिद पर अड़े अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। जेपी गोलंबर पर अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर लेट गए। पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर अभ्यर्थियों को तितर-बितर किया। उसी शाम पुलिस ने 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। साथ ही प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती समेत 21 लोगों को नामजद किया।

अभ्यर्थियों की आखिर मांगें क्या थीं?

हुआ ये कि BPSC ने बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। अब ये परीक्षा 4 जनवरी को होगी। अभ्यर्थियों को इसी पर आपत्ति है। यही कारण है कि अभ्यर्क्षी पूरी परीक्षा ही रद्द कर रि-एग्जाम की मांग कर रहे हैं।

 

अभ्यर्थियों का कहना है कि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा और 4 जनवरी को एक सेंटर पर होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर एक जैसा कैसे होगा? अगर 4 जनवरी को होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर 13 दिसंबर वाली परीक्षा से आसान रहा तो बाकियों के साथ ये अन्याय होगा।

 

BPSC का क्या है कहना?

BPSC के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने सोमवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि परीक्षा रद्द नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बापू सेंटर को छोड़कर बाकी हर सेंटर्स पर परीक्षा शांतिपूर्ण रही। कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली। ऐसे में किस आधार पर परीक्षा रद्द की जाए। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर और 4 जनवरी की परीक्षा का रिजल्ट जनवरी के आखिर तक आएगा। नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा। स्केलिंग के आधार पर रिजल्ट निकाला जाएगा। 

4 जनवरी को कैसे होगी परीक्षा?

सोमवार देर शाम BPSC के अध्यक्ष रवि परवार ने राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात की। इसमें उन्होंने बताया कि 4 जनवरी की परीक्षा की तैयारी पूरी हो चुकी है। 4 जनवरी को 10 हजार से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थियों की फिर से परीक्षा होगी, जिन्हें बापू सेंटर मिला था। सूत्रों का कहना है कि 4 जनवरी को बापू सेंटर में परीक्षा नहीं होगी। इस सेंटर में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को 22 अलग-अलग सेंटर्स में बैठाया जाएगा।

अब आगे क्या?

अभ्यर्थियों और सरकार के बीच टकराव फिलहाल खत्म होता दिख नहीं रहा है। प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेट दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर 1 जनवरी तक अभ्यर्थियों की मांगों का समाधान नहीं हुआ तो अभ्यर्थी अपना आंदोलन शुरू करने के हकदार होंगे और हम अपना पूरा समर्थन देंगे। उधर, अभ्यर्थियों का भी कहना है कि जब तक कोई ठोस समाधान नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

Related Topic:#BPSC

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap