logo

ट्रेंडिंग:

'चश्मा फेंका, मारपीट की', PK के समर्थकों ने पुलिस पर क्या आरोप लगाए?

BPSC की परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पीके के समर्थकों ने पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं।

prashant kishor

प्रशांत किशोर 2 जनवरी से भूख हड़ताल पर थे। (फाइल फोटो-PTI)

पटना के गांधी मैदान में अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने सोमवार तड़के करीब 4 बजे उन्हें हिरासत में लिया। BPSC की परीक्षा में कथित पेपर लीक पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रशांत किशोर यहां भूख हड़ताल पर बैठे थे। 


प्रशांत किशोर को हिरासत में लिए जाने के बाद जमकर हंगामा हो रहा है। उनके समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इस बीच कुछ समर्थकों ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप भी लगाया है।

तड़ते 4 बजे उठा ले गई पुलिस

गांधी मैदान पर 2 जनवरी से प्रशांत किशोर भूख हड़ताल पर बैठे थे। सोमवार तड़के 4 बजे के आसपास पुलिस आकर उन्हें यहां से उठाकर ले गई। इसके बाद गांधी मैदान को भी खाली करा दिया गया है। प्रशांत किशोर को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों और पटना पुलिस के बीच झड़प भी हुई।

 

समर्थकों ने लगाए कई आरोप

प्रशांत किशोर के समर्थकों ने पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। जन सुराज पार्टी के समर्थकों ने दावा किया है कि पुलिस ने प्रशांत किशोर को थप्पड़ भी मारे थे। दिवाकर नाम के समर्थक ने कहा कि 'पुलिस ने प्रशांत किशोर का चश्मा फेंक दिया था। जब मैं बचाने गया तो मुझे भी चोट लग गई। गाली-गलौज की गई।' उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस बात की जानकारी भी नहीं दी कि प्रशांत किशोर को कहां ले जाया गया है।

 

एक समर्थक ने कहा, 'उनके ऊपर हाथ चलाना निंदनीय है। उन्होंने (प्रशांत किशोर) किसी तरह का कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया। सत्याग्रह का काम किया। सरकार डर गई है। नीतीश कुमार मानसिक स्थिति खो चुके हैं। प्रशासन के लोगों ने हाथ चलाया। बिल्कुल गलत बात है। हमें बताया नहीं गया कि कहां लेकर जा रहे हैं।'

 

एक समर्थक ने पुलिस पर लाठी चलाने और मारपीट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'सुबह 3.30 बजे सोए हुए लोगों पर लाठी चलाई गई। प्रशांत किशोर के चेहरे पर मारा गया। जानलेवा हमला किया गया। उन पुलिस को सामने लाए, जिन्होंने वर्दी में क्रिमिनल का काम किया। प्रशांत किशोर कोई आपराधिक काम नहीं कर रहे थे। BPSC छात्रों के लिए न्याय मांग रहे थे। वो बिहार के लोगों के लिए बैठे थे। नीतीश कुमार के जाने का समय हो गया है। जबरन उन्हें कैद करके ले जाया गया।'

 

गांधी मैदान से AIIMS ले गई पुलिस

बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर को एंबुलेंस में बैठाकर एम्स ले जाया गया है। उनके समर्थकों का कहना है कि पुलिस उन्हें जबरदस्ती उठाकर ले गई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। प्रशांत किशोर को हिरासत में ले जाने के बाद पुलिस ने गांधी मैदान आने-जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग भी की।

 

क्या है BPSC का विवाद

13 दिसंबर को बिहार में BPSC की ओर से 70वीं इंटीग्रेटेड कंबाइंड कॉम्पिटेटिव एग्जाम (CCE) आयोजित किया गया। बिहार के 912 सेंटर्स पर ये परीक्षा हुई। बवाल हुआ पटना के बापू सेंटर पर। अभ्यर्थियों ने एग्जाम पेपर आधे घंटे की देरी से मिलने का आरोप लगाया। साथ ही क्वेश्चन पेपर कटे-फटे होने का दावा भी किया। 


बापू सेंटर के बाहर पेपर लीक का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद BPSC ने बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। ये भी फैसला लिया कि इन अभ्यर्थियों की परीक्षा फिर से होगी। नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा। 


जब BPSC ने बापू सेंटर में हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया तो पूरी परीक्षा ही रद्द करने की मांग जोर पकड़ने लगी। 18 दिसंबर को 500 से ज्यादा अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे। सभी की मांग थी कि एक सेंटर की नहीं, बल्कि पूरी परीक्षा ही रद्द की जाए। 

4 जनवरी को हो चुकी है परीक्षा

13 दिसंबर को बापू सेंटर पर जो परीक्षा हुई थी, उसे 4 जनवरी को फिर कराया गया। अभ्यर्थियों को इसी पर आपत्ति थी। वो सिर्फ बापू सेंटर ही नहीं, बल्कि पूरी परीक्षा रद्द कर दोबारा एग्जाम कराने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा और 4 जनवरी को एक सेंटर पर होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर एक जैसा कैसे होगा? अगर 4 जनवरी को होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर 13 दिसंबर वाली परीक्षा से आसान रहा तो बाकियों के साथ ये अन्याय होगा।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap