जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने सोमवार सुबह-सुबह हिरासत में ले लिया। प्रशांत किशोर BPSC की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर गांधी मैदान पर अनशन पर बैठे थे।
गांधी मैदान से AIIMS ले गई पुलिस
प्रशांत किशोर को तड़के करीब 4 बजे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर एम्स ले जाया गया है। उनके समर्थकों का कहना है कि पुलिस उन्हें जबरदस्ती उठाकर ले गई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। प्रशांत किशोर को हिरासत में ले जाने के बाद पुलिस ने गांधी मैदान आने-जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग भी की।
2 जनवरी से भूख हड़ताल पर थे प्रशांत किशोर
BPSC की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रशांत किशोर 2 जनवरी से गांधी मैदान पर भूख हड़ताल पर थे। उनका कहना है कि कुछ छात्रों की परीक्षा फिर से कराने की बात मानके सरकार ने कानूनी रूप से अनियमितता होने की बात मान ली है।
प्रशांत किशोर ने छात्रों की मांग को लिए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से भी समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा, 'ये नेता हमसे बहुत बड़े है। वो गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं। ऐसा करने का यही समय है। छात्रों का भविष्य दांव पर है। हम एक ऐसे क्रूर शासन का सामना कर रहे हैं, जिसने 3 साल में 87 बार लाठीचार्ज करने का आदेश दिया है।'
क्या है BPSC का विवाद
13 दिसंबर को बिहार में BPSC की ओर से 70वीं इंटीग्रेटेड कंबाइंड कॉम्पिटेटिव एग्जाम (CCE) आयोजित किया गया। बिहार के 912 सेंटर्स पर ये परीक्षा हुई। बवाल हुआ पटना के बापू सेंटर पर। अभ्यर्थियों ने एग्जाम पेपर आधे घंटे की देरी से मिलने का आरोप लगाया। साथ ही क्वेश्चन पेपर कटे-फटे होने का दावा भी किया।
बापू सेंटर के बाहर पेपर लीक का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद BPSC ने बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया। ये भी फैसला लिया कि इन अभ्यर्थियों की परीक्षा फिर से होगी। नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा।
जब BPSC ने बापू सेंटर में हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया तो पूरी परीक्षा ही रद्द करने की मांग जोर पकड़ने लगी। 18 दिसंबर को 500 से ज्यादा अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे। सभी की मांग थी कि एक सेंटर की नहीं, बल्कि पूरी परीक्षा ही रद्द की जाए।
4 जनवरी को हो चुकी है परीक्षा
13 दिसंबर को बापू सेंटर पर जो परीक्षा हुई थी, उसे 4 जनवरी को फिर कराया गया। अभ्यर्थियों को इसी पर आपत्ति थी। वो सिर्फ बापू सेंटर ही नहीं, बल्कि पूरी परीक्षा रद्द कर दोबारा एग्जाम कराने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि 13 दिसंबर को हुई परीक्षा और 4 जनवरी को एक सेंटर पर होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर एक जैसा कैसे होगा? अगर 4 जनवरी को होने वाली परीक्षा का क्वेश्चन पेपर 13 दिसंबर वाली परीक्षा से आसान रहा तो बाकियों के साथ ये अन्याय होगा।