प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस हाई लेवल बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबे रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस रोपवे परियोजना पर 4,081.28 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस बजट से रोपवे का डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर मॉडल तैयार किया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविन्दघाट से हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के लिए रोपवे निर्माण को मंजूरी दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। दरअसल, पीएम गुरुवार को अपने एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर जा रहे हैं, इससे पहले उन्होंने उत्तराखंड को बड़ी सौगात दी है।
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27 सौ करोड़ की लागत से हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ‘पर्वतमाला’ परियोजना के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक के लिए 4,081.28 करोड़ रूपये और 2730.13 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना के निर्माण को मंजूरी दी है।
सीएम धामी ने कहा कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का विकास होने से श्रद्धालुओं को इन तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए पहुंचने में काफी आसानी होगी। धामी ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री से इन दोनों रोपवे के निर्माण के लिए अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ का पुनर्निमाण, बदरीनाथ के मास्टर प्लान के कार्य तेजी से हुए हैं।
केदारनाथ तक की 16 किमी की दूरी पैदल तय
बता दें कि वर्तमान में गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक की 16 किमी की दूरी को पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी और हेलीकॉप्टर के जरिए से तय की जाती है। इसमें करीब आठ से नौ घंटे का समय लगता है। रोपवे बनने के बाद यह समय घटकर लगभग 36 मिनट रह जाएगा।
प्रतिदिन 18 हजार यात्रियों को ले जाने की क्षमता
सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे की क्षमता प्रतिदिन 18 हजार यात्रियों को ले जाने की होगी। केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फुट) की ऊंचाई पर मौजूद है। इसी तरह से गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ कर हेमकुंड साहिब तक श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह कठिन यात्रा श्रद्धालु पैदल या घोड़ा-खच्चर या पालकी से तय करते हैं। गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे से फूलों की घाटी जाने वाले पर्यटकों को भी सुविधा होगी।
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गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे की क्षमता प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाने की होगी। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जो हर साल मई से सितंबर के बीच लगभग पांच माह खुला रहता है और इस दौरान यहां करीब दो लाख श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए आते हैं।