मोदी सरकार का ऐलान- मूल जनगणना में शामिल होगी जातिगत जनगणना
देश
• NEW DELHI 30 Apr 2025, (अपडेटेड 30 Apr 2025, 5:08 PM IST)
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि अगली जनगणना में ही मूल जनगणना भी शामिल होगी।

मोदी कैबिनेट, File Photo Credit: PTI
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि अगली जनगणना में ही मूल जनगणना भी शामिल होगी। केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने आरोप लगाए कि कई राज्यों में जातिगत सर्वे सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए करवाया गया है और उसे भी पारदर्शी नहीं रखा गया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाए कि उसने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया और आजादी से लेकर अब तक की जनगणनाओं में कभी भी जाति को शामिल नहीं किया।
इस फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'राजनीतिक मामलों पर कैबिनेट कमेटी ने पीएम मोदी की अगुवाई में आज यह फैसला लिया है कि जातिगत गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। यह बताता है कि हमारी सरकार देश और समाज के मूल्यों के प्रति समर्पित है। इसी तरह पूर्व में हमारी सरकार बिना किसी वर्ग पर दबाव डाले आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग के लिए 10 पर्सेंट आरक्षण का प्रावधान लेकर आई थी।'
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#WATCH | Delhi | "Cabinet Committee on Political Affairs has decided today that Caste enumeration should be included in the forthcoming census," says Union Minister Ashiwini Vaishnaw on Union Cabinet decisions. pic.twitter.com/0FtK0lg9q7
— ANI (@ANI) April 30, 2025
कैसे हुआ यह फैसला?
इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा से जातिगत जनगणना का विरोध किया है। स्वतंत्रता के बाद से कराई गई किसी भी जनगणना में जाति कभी शामिल नहीं थी। साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा को भरोसा दिलाया था कि जातिगत जनगणना का मुद्दा कैबिनेट में उठाया जाना चाहिए। इसके लिए मंत्रियों का एक ग्रुप भी बनाया गया था। ज्यादातर राजनीतिक दलों ने जातिगत जनगणना का समर्थन भी किया था। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जातिगत जनगणना की जगह पर जाति सर्वे कराने का फैसला किया। उसी सर्वे को SECC के नाम से जाना जाता है।'
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उन्होंने आगे कहा, 'यह साफ है कि कांग्रेस और उसके इंडी अलायंस के सहयोगियों ने जातिगत जनगणना को सिर्फ राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल किया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के मुताबिक, जनगणना का विषय संघीय सूची में 69वें नंबर पर दर्ज है। संविधान के मुताबिक, जनगणना एक संघीय विषय है। कुछ राज्यों ने सर्वे करवाया है ताकि जाति का आकलन किया जा सके। कई राज्यों ने इसे ठीक से किया है और कई राज्यों ने सिर्फ राजनीतिक एंगल से और अपारदर्शी तरीके से यह जातिगत सर्वे किया है। ऐसे सर्वे ने समाज में संदेह पैदा किया है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक की वजह से सामाजिक तानाबाना न बिगड़े, जातिगत गणना पारदर्शी तरीके से जनगणना में शामिल की जानी चाहिए न कि सर्वे में।'
कब होगी जनगणना?
बताते चलें कि भारत में हर 10 साल के अंतर पर जातिगत जनगणना होती रही है। आखिरी जनगणना साल 2011 में हुई थी। 2021 वाली जनगणना की शुरुआत अप्रैल 2020 में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें देरी हो चुकी है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल जनगणना का काम शुरू होगा। इस बार डिजिटल तरीके से जनगणना की जानी है तो उम्मीद है कि एक साल में यह काम पूरा करके आंकड़े भी प्रकाशित हो जाएंगे। जनगणना के बाद लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन भी किया जाना है।
जातिगत जनगणना के बारे में कांग्रेस के सांसद किरण कुमार रेड्डी ने कहा है, 'आज केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि मूल जनगणना के साथ ही जातिगत जनगणना की जाएगी। यह प्रयास तेलंगाना से ही शुरू हुआ है, जहां हाल ही में जातिगत जनगणना की गई है। कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि राहुल गांधी जी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा में यह देखा कि इस देश को जातिगत जनगणना की जरूरत है ताकि लोगों को उनकी संख्या के हिसाब से फायदे मिल सकें।'
#WATCH | On caste census included in national census, Congress MP Chamala Kiran Kumar Reddy says, "This initiative comes from the state of Telangana, which has done a caste census recently. Rahul Gandhi, who conducted the Bharat Jodo Yatra, noticed the need for a caste census. We… pic.twitter.com/sQuyNUCvJf
— ANI (@ANI) April 30, 2025
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कहां-कहां हुआ जातिगत सर्वे?
हाल ही में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी जाति सर्वे करवाया है। हालांकि, यह सर्वे इस वजह से चर्चा में है कि कांथराज आयोग की वह मूल रिपोर्ट ही गायब हो गई जिसमें सारा डेटा शामिल था।
इसी साल तेलंगाना में भी जाति सर्वे के आंकड़े सामने आए हैं। इस सर्वे के मुताबिक, तेलंगाना की 3.5 करोड़ की आबादी में पिछड़े वर्ग के लोग 46.25 प्रतिशत हैं।
इससे पहले, नीतीश कुमार की बिहार सरकार ने 2 अक्तूबर 2023 को जाति सर्वे के आंकड़े जारी किए थे। तब बिहार में जेडीयू और आरजेडी गठबंधन की सरकार थी और बीजेपी ने जाति सर्वे के आंकड़े को भ्रम फैलाने का प्रयास बताया था।
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