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CAT ने रद्द किया IPS का निलंबन, RCB को बताया भगदड़ का जिम्मेदार

कैट से जहां कर्नाटक सरकार को झटका लगा है तो वहीं वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास को बड़ी राहत मिली है। न्यायाधिकरण ने उनके निलंबन को रद्द कर दिया है।

Bengaluru stampede News.

बेंगलुरु भगदड़ मामला। ( Photo Credit: PTI)

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने कर्नाटक सरकार को बड़ा झटका दिया है। न्यायाधिकरण ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास के निलंबन को रद्द कर दिया है। कैट ने भगदड़ मामले में प्रथम दृष्टया रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को जिम्मेदार माना है। बता दें कि 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की जान गई थी। कर्नाटक सरकार ने विकास कुमार विकास समेत 5 अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया था। कर्नाटक सरकार के फैसले से नाखुश वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया था।

 

आरसीबी ने इसी साल पहली बार आईपीएल का खिताब जीता है। 4 जून को बेंगलुरु में विधान सौध से विजय परेड और स्टेडियम में फैंस के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। स्टेडियम के बाहर लगभग ढाई लाख लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसी दौरान मची भगदड़ में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कैट का कहना है कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि 3 से 5 लाख लोगों की भीड़ जुटाने की खातिर आरसीबी जिम्मेदार है। उसने पुलिस से भी जरूरी अनुमति नहीं ली। कैट ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर उनके (आरसीबी) के अचानक पोस्ट से लोगों की भीड़ जुटी। 

 

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'पुलिस को पर्याप्त समय नहीं मिला'

आरसीबी ने चार जून की सुबह कार्यक्रम के बारे में अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया और न्यायाधिकरण ने पाया कि पुलिस विभाग के पास इतने कम समय में इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त समय नहीं था। कैट ने कहा, 'पुलिस को पर्याप्त समय नहीं मिला। कम वक्त के कारण पुलिस उचित व्यवस्था नहीं कर सकी। पुलिस कर्मी भी इंसान हैं। वे न तो भगवान हैं और न ही जादूगर और न ही उनके पास ‘अलाद्दीन का चिराग’ जैसी जादुई शक्तियां हैं, जो केवल उंगली रगड़ने से किसी की इच्छा को पूरा कर दें।'

आदेश के खिलाफ अपील का विकल्प: सीएम

कर्नाटक सरकार ने भगदड़ मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास को निलंबित किया था। पांच जून को जारी कर्नाटक सरकार के फैसले को विकास कुमार ने कैट में चुनौती दी। 24 जून को फैसला सुरक्षित रखने के बाद मंगलवार को कैट ने विकास कुमार के निलंबन को रद्द कर दिया। न्यायाधिकरण के फैसले पर सीएम सिद्धरमैया ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि आदेश के खिलाफ अपील का विकल्प खुला है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर का कहना है कि आदेश की समीक्षा करेंगे। आगे क्या करना है, इसकी सलाह सीएम से लेंगे, क्योंकि कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग उन्हीं के पास है।

 

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बिना सबूत अधिकारियों पर एक्शन: कैट

कर्नाटक सरकार ने विकास कुमार के अलावा तत्कालीन बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी दयानंद और पुलिस उपायुक्त (DCP) शेखर एच टेक्कन्नावर पर भी ऐक्शन लिया था। विकास कुमार के वकील ध्यान चिनप्पा ने बताया कि कैट ने निलंबन रद्द करते हुए कहा कि वह सेवा नियमों के अनुसार सभी लाभों के हकदार हैं। दयानंद और टेक्कन्नावर के मामलों में भी इसे लागू किया जा सकता है। पीठ का मानना है कि निलंबन आदेश तथ्यों पर आधारित नहीं था। बिना किसी सबूत के अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। पीठ ने कर्नाटक सरकार को याचिकाकर्ता को तत्काल बहाल करने और निलंबन की अवधि का पूरा वेतन और भत्ते देने का निर्देश दिया है।

 

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