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क्या सच में भारत के जेट गिरे थे? अब CDS अनिल चौहान ने बताया सच

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर भारत के हमले को लेकर सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि महत्त्वपूर्ण यह नहीं है  विमान गिराए गए बल्कि महत्त्वपूर्ण यह है कि आखिर वे क्यों गिरे और उसके बाद हमने क्या किया?

CDS Anil Chauhan । Photo Credit: Anil Chauhan

सीडीएस अनिल चौहान । Photo Credit: PTI

सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग के दौरान भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने गोपनीय ऑपरेशन सिंदूर पर पहली बार खुलकर बात की। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में उनके बातचीत से यह जाहिर हुआ कि ऑपरेशन के शुरुआती चरण में भारत के एयर डिफेंस को थोड़ा बहुत नुकसान हुआ। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसे 48 घंटों के भीतर सुधार लिया गया और सैन्य कार्रवाइयां फिर से शुरू हुईं। उन्होंने यह भी कहा इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक सफलता को दुनिया के सामने दिखाया। यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रहा है।

 

जनरल चौहान से जब ऐंकर ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के विमान मार गिराए तो उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए जरूरी सवाल यह नहीं कि लड़ाकू विमान गिरे, बल्कि जरूरी सवाल यह है कि आखिर वह क्यों गिरे? और उसके बाद हमने क्या किया।’ हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान द्वारा भारत के 6 लड़ाकू विमानों को गिराए जाने के दावे को खारिज किया। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के छह लड़ाकू विमानों को मार गिराया। जनरल चौहान ने इसे सिरे से खारिज किया और कहा, ‘पाकिस्तान का छह विमानों को नष्ट करने का दावा पूरी तरह गलत है। हमारे लिए यह समझना जरूरी था कि गलती कहां हुई और हमने उसका समाधान कैसे किया।’

 

रणनीतिक गलतियों से हुआ नुकसान

पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई थी जिसमें भारत की तरफ से दावा किया गया था कि पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को मार गिराया गया है। इसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए जाने का दावा किया गया था। जनरल चौहान ने बताया कि शुरुआती नुकसान रणनीतिक गलतियों के कारण हुए, लेकिन भारत ने इन गलतियों को जल्दी पहचाना और सुधारा। उन्होंने कहा, ‘हमने गलतियों को समझा, उनका समाधान किया और दो दिन बाद ही हमारे सभी लड़ाकू विमान फिर से लंबी दूरी के हमलों के लिए उड़ान भर रहे थे।’ यह भारत की सैन्य ताकत और तेजी से सुधार करने की क्षमता को दिखाता है।

 

 

इन्फॉरमेशन वॉर काफी महत्तवपूर्ण

इंटरव्यू में जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि संख्या मायने नहीं रखतीं, बल्कि गलतियों से सीखना और उनसे उबरना ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह जानना जरूरी था कि विमान क्यों गिरे और उसके बाद हमने क्या किया। भारत ने ऑपरेशन को और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया। इस ऑपरेशन ने भारत की आधुनिक युद्ध रणनीति को भी उजागर किया, जिसमें तकनीक, साइबर क्षमता और सूचना नियंत्रण की बड़ी भूमिका थी।

 

जनरल चौहान ने साइबर और इन्फॉर्मेशन वॉर के महत्व पर भी बात की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान भारत ने गलत सूचनाओं का सामना किया और वैरिफाइड फैक्ट्स के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हमारी कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी सोची-समझी थी। हमने जल्दबाजी में जवाब देने की बजाय सावधानी बरती,’। यह रणनीति जनता का भरोसा बनाए रखने में सफल रही।

 

भारत नई तकनीकों पर कर रहा काम

इसके अलावा, जनरल चौहान ने भारत की सैन्य तैयारियों में बदलाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और अन्य नई तकनीकों के लिए विशेष यूनिट्स बना रहा है। साथ ही, तीनों सेनाओं के बीच संयुक्त प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ’पहली बार हमारे पास संयुक्त स्टाफ कोर्स है, जिसमें 40 अधिकारी एक साल तक साथ प्रशिक्षण लेते हैं।’

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