मोहम्मद यूनुस के सत्ता हथियाने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते पहले जैसे नहीं हैं। इस बीच ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान-बांग्लादेश और चीन के बीच गठजोड़ से भारत की सुरक्षा और स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। तीनों देशों के हितों में समानता भी है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में बसे देशों में आर्थिक संकट ने बाहरी शक्तियों को अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका दे दिया है। इससे भारत के लिए कमजोरियां पैदा हो सकती हैं।
पड़ोसी देश म्यांमार गृह युद्ध झेल रहा है। म्यांमार में फैली अस्थिरता पर सीडीएस ने कहा कि म्यांमार या अन्य देशों को देखने पर वहां आर्थिक अस्थिरता नजर आती है। म्यांमार में कोई भी विदेशी दखल भारत के हित में नहीं होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों में आर्थिक अस्थिरता ने बाहरी शक्तियों को कर्ज कूटनीति के माध्यम से अपने प्रभाव को जमाने का मौका दिया। दक्षिण एशिया में बदलते जियोपॉलिटिकल समीकरण और अस्थिर सरकारों ने बड़ी चुनौती पेश की है।
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पहली बार भिड़ीं परमाणु संपन्न शक्तियां
पाकिस्तान हमेशा परमाणु झांसा देता है। पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि भारत अब परमाणु झांसे को नहीं सहेगा। इस बीच सीडीएस चौहान ने चार दिन तक चले ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया और बताया कि भारत ने यह भी कहा है कि वह परमाणु ब्लैकमेल से नहीं डरेगा। मुझे लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर दो परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच संघर्ष का इकलौता उदाहरण है। उन्होंने आगे दोहराया कि परमाणु हथियारों के आविष्कार के बाद से दुनियाभर में सैकड़ों संघर्ष हो चुके हैं। मगर यह पहली बार है जब दो परमाणु हथियार संपन्न देश सीधे संघर्ष में शामिल हुए हैं।
पाक ने 80 फीसदी हथियार चीन से खरीदे
चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य दोस्ती गहराती जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। सीडीएस अनिल चौहान ने भी दोनों की नजदीकियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्ष में पाकिस्तान ने अपने 70 से 80 प्रतिशत हथियार और उपकरणों को चीन से खरीदा है।
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बढ़ सकता है युद्ध का दायरा
सीडीएस चौहान का कहना है कि पारंपरिक ऑपरेशन का विस्तार अंतरिक्ष, साइबर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्र में युद्ध तक ले जाना संभव है। उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने उत्तरी सीमा पर कोई भी असामान्य गतिविधि नहीं की। सीडीएम ने कहा कि भारत को पारंपरिक और आधुनिक युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।