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'जैसलमेर मराठा साम्राज्य का हिस्सा', NCERT की किताब पर फिर हुआ बवाल

NCERT की 8वीं क्लास की किताब में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य के अधीन दिखाने वाले मैप पर विवाद हो गया है। चैतन्यराज ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

Chaitanya Raj Singh

चैतन्यराज सिंह, Photo Credit: @crsinghbhati

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की नई किताब पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। NCERT की 8वीं क्लास की सोशल साइंस की किताब में जैसलमेर को मराठा साम्राज्य का हिस्सा दिखाया गया है। इसी बात को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। जैसलमेर राजपरिवार के सदस्य चैतन्यराज सिंह ने NCERT की किताब में किए गए इस बदलाव पर आपत्ति जताई है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस मामले में हस्तक्षेप कर जल्द से जल्द इसमें सुधार कराने की मांग की है। 

 

NCERT ने कुछ बदलावों के साथ कई किताबें जारी की है। ये किताबें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी और नेशनल करिकुलम फॉर्म के तहत लॉन्च की गई हैं। 7वीं और 8वीं क्लास की इतिहास की किताब में बदलाव किया गया है। नक्शे में मराठा साम्राज्य को कोल्हापुरा से उत्तर में पेशावर और कटक तक दिखाया गया है। इसमें जैसलमेर को भी मराठा साम्राज्य में दिखाया गया है। जैसलमेर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य चैतन्यराज सिंह ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने 8वीं क्लास की सोशल साइंस बुक की यूनिट 3, पेज नंबर 71 पर दिए गए मैप को भ्रामक, तथ्यहीन और गम्भीर रूप से आपत्तिजनक बताया है।

 

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चैतन्यराज ने जताई आपत्ति

चैतन्यराज ने इस मामले में एक्स पर पोस्ट कर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा, 'कक्षा 8 की NCERT की सोशल साइंस की किताब (Unit 3, पेज नंबर 71) में दिखाए गए मैप में जैसलमेर को तत्कालीन मराठा साम्राज्य का भाग दिखाया गया है। यह ऐतिहासिक रूप से भ्रामक, तथ्यहीन और गम्भीर रूप से आपत्तिजनक है।' उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि बिना तथ्यों के इस तरह के बदलाव करना न केवल NCERT जैसी संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि गौरवशाली इतिहास और जनभावनाओं को भी आघात पहुंचाती है। 

 

उन्होंने यह भी कहा, 'यह मामला सिर्फ NCERT की एक किताब में किया गया गलत बदलाव नहीं है बल्कि हमारे पूर्वजों के बलिदान और शौर्य गाथा को धूमिल करने की कोशिश है। जैसलमेर रियासत के बारे में जितने भी ऐतिहासिक तथ्य हैं उनमें कहीं भी मराठाओं के राज की बात नहीं है। इसके उलट, हमारी सराकारी किताबों में भी साफ लिखा गया है कि जैसलमेर रियासत में मराठाओं का कभी भी, कोई दखल नहीं रहा।'

शिक्षा मंत्री से की अपील

इसी पोस्ट में उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने लिखा, 'माननीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी मैं पूरे जैसलमेर परिवार की ओर से आपका ध्यान इस मुद्दे की ओर दिलाना चाहा हूं। NCERT के यह बदलाव किसी एजेंडा का हिस्सा लगते हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत किताबों में बदलाव किया जाए।' उन्होंने NCERT को टैग कर इसी पोस्ट में लिखा कि यह सिर्फ तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं बल्कि हमारी ऐतिहासिक आत्मसम्मान और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम से जुड़ा हुआ मु्द्दा है। उम्मीद है कि आप इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करेंगे। 

 

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कौन हैं चैतन्य राज?

चैतन्य राज सिंह राजस्थान के जैसलमेर राजपरिवार के सदस्य हैं। वह जैसलमेर के 44वें महारावल हैं। उन्होंने नई दिल्ली के संस्कृत स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय के ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में डिग्री हासिल की है। बता दें कि इससे पहले भी NCERT की किताबों में हुए बदलावों को लेकर विवाद हुआ है। हाल ही में 8वीं की सोशल साइंस की नई किताब में मुगल काल और दिल्ली सल्तनत से जुड़े शासकों के बारे में तीखी शब्दावली पर इतिहासकारों और शिक्षा विशेषज्ञों के बीच मतभेद हुआ था।

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