अब CBI पहुंची भूपेश बघेल के घर, पढ़ें महादेव बेटिंग ऐप घोटाले की कहानी
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• RAIPUR 26 Mar 2025, (अपडेटेड 26 Mar 2025, 10:18 AM IST)
ED के बाद अब छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर CBI ने दबिश दी है। बताया जा रहा है कि CBI रायपुर और भिलाई स्थित बघेल के घर पहुंची है। ऐसे में जानते हैं कि क्या है महादेव बेटिंग ऐप घोटाला?

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल। (Photo Credit: PTI)
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परेशानी बढ़ती जा रही है। ED के बाद अब CBI ने उनके रायपुर और भिलाई के आवास पर छापा मारा है। यह छापेमारी महादेव बैटिंग ऐप से जुड़े मामले में की गई है। दो हफ्ते पहले ही इस मामले में ED ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के आवास पर तलाशी ली थी।
CBI की रेड पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता आनंद शुक्ला ने कहा, 'पहले बीजेपी ने उनके घर पर ED भेजी थी। आज भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई के आवास पर CBI आई है। उन्हें आज दिल्ली जाना था। इसमें खलल डालने के लिए बीजेपी ने उनके घर पर CBI भेजी है। बीजेपी बौखला गई है, क्योंकि राजनीतिक रूप से वह मुकाबला नहीं कर सकती।'
बताया जा रहा है कि CBI की कुछ टीमें आज सुबह ही रायपुर से निकल गई थीं। कुछ टीम रायपुर स्थित भूपेश बघेल के आवास पर पहुंची है तो कुछ भिलाई में। भूपेश बघेल के अलावा विधायक देवेंद्र यादव और IPS अभिषेक पल्लव के घर पर भी CBI ने दबिश दी है। भूपेश बघेल के घर पर आते ही CBI की टीमें अंदर चली गईं। इसके बाद उनके समर्थक भी बाहर भी जुट गए हैं।
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CBI क्यों कर रही छापेमारी?
दरअसल, यह छापेमारी छत्तीसगढ़ के महादेव बेटिंग ऐप से जुड़ा है। इसके जरिए 6 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप है। मामले में पहले इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने केस दर्ज किया था, जिसमें भूपेश बघेल, ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल के अलावा 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
इसी आधार पर CBI ने केस दर्ज किया और जांच शुरू की। भूपेश बघेल ने EOW की FIR को 'राजनीतिक बदला' बताया था। महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े घोटाले की जांच ED भी कर रही है। ED की जांच में इस घोटाले में कई राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने की बात सामने आई थी।
VIDEO | The CBI on Wednesday conducted searches at the residence of former Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel. Visuals from outside his residence in Bhilai.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 26, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/T1epVrPOfn
क्या है महादेव बेटिंग ऐप?
जिस तरह से आज के समय में कई सारी बेटिंग ऐप हैं, महादेव बेटिंग ऐप भी ऐसी ही है। इस पर क्रिकेट, पोकर, फुटबॉल जैसे कई गेम्स में ऑनलाइन सट्टेबाजी की जाती है। इस ऐप को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने शुरू किया था। इस ऐप की शुरुआत 2018 में हुई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सौरभ चंद्राकर के पिता भिलाई में नगर निगम में काम करते थे। सौरभ ने अपने पिता से पैसे लेकर जूस का कारोबार शुरू किया। इसके साथ ही उसे सट्टेबाजी का भी जुनून चढ़ गया। उसने अपने दोस्त रवि उप्पल के साथ मिलकर महादेव बेटिंग ऐप से शुरू किया।
इनका सारा कारोबार दुबई से चलता है। ED का दावा है कि इस ऐप से हर दिन 40 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है। 2019 में ही इन्होंने अपना पूरा कारोबार दुबई से चलाना शुरू कर दिया। आरोप है कि उसका कारोबार बढ़ाने में छत्तीसगढ़ के राजनेताओं, अफसरों और पुलिस ने भी मदद की थी।
पिछले साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों ने अपने स्टाफ के लिए दुबई में 20 बंगले किराये पर ले रखे हैं। कंपनी के स्टाफ में 3,500 से ज्यादा लोग हैं।
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कैसे रडार पर आई थी बेटिंग ऐप?
2023 की फरवरी में सौरभ चंद्राकर की संयुक्त अरब अमीरात में शादी हुई। इस शादी में पानी की तरह पैसा बहाया गया। कथित तौर पर शादी में 200 करोड़ रुपये खर्च हुए और वह भी नकद।
इस शादी में बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार्स भी शामिल हुए थे। शादी में नामचीन हस्तियां भी शामिल हुई थीं। इन सभी को मुंबई से UAE लाने के लिए प्राइवेट जेट किराये पर लिए गए थे। वेडिंग प्लानर, डांसर और डेकोरेटर्स को कैश में पेमेंट की गई। ED का दावा है कि यह सारा पैसा हवाला के जरिए आया था।

कितना बड़ा है यह घोटाला?
सौरभ चंद्राकर की शादी में जिस तरह से पैसा खर्च किया गया, उसके बाद यह ED की रडार पर आ गया। इस पूरे मामले में 70 से ज्यादा FIR दर्ज की गई थीं। ED का दावा है कि महादेव बेटिंग ऐप में 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई की गई। इस मामले में अब तक आरोपियों की ढाई हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
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भूपेश बघेल कैसे फंसे इसमें?
दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलने के बाद बीजेपी आई तो CBI को इसकी जांच सौंपी गई। अगस्त 2024 में CBI ने जांच का जिम्मा संभाल लिया। ED पहले से ही इसकी जांच कर रही थी। छत्तीसगढ़ पुलिस की FIR में भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया था। ED ने अपनी जांच के बाद दावा किया था कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
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