भारत पर अमेरिकी टैरिफ के ऐलान के बाद अब चीन ने डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की। नई दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप को धौंस जमाने वाला तक बता दिया। ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ रूस के बाद भारत को चीन का साथ मिला है। अपने एक्स अकाउंट पर चीनी राजदूत ने लिखा, 'अगर धमकाने वाले को एक इंच दिया तो वह एक मील ले लेगा।'
पोस्ट के साथ उन्होंने एक फोटो भी साझा की। इसमें ब्राजील के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार सेल्सो अमोरिम के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बातचीत का जिक्र है। इसमें लिखा है कि अन्य देशों को दबाने के लिए टैरिफ को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों को कमजोर करता है। अलोकप्रिय और अस्थायी भी है।
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27 अगस्त से भारत पर लागू होगी टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले एक अगस्त से भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। मगर बुधवार को उन्होंने 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। मतलब अब भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। भारत पर नई टैरिफ दर 27 अगस्त से लागू होगी। ट्रंप का तर्क है कि रूस से लगातार तेल और हथियार खरीदने पर भारत के खिलाफ यह कदम उठाना पड़ा है। मगर भारत से अधिक तेल खरीदने वाले चीन के प्रति उनका रुख नरम है। उनके नए कार्यकारी आदेश में चीन का जिक्र तक नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि चीन तो रूस से अधिक तेल खरीदता है, तब जवाब में ट्रंप ने भारत की ही तर्ज पर चीनी सामान पर भी टैरिफ लगाने की बात कही। मगर कोई घोषणा नहीं की।
भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार
भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार अमेरिका है। ट्रंप के टैरिफ से भारत के निर्यात का प्रभावित होना लाजिमी है। भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में, 'अमेरिका के कदम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि वह अपने हितों की रक्षा करेगी।' पिछले लगभग ढाई दशक में भारत और अमेरिका के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं। भारत और अमेरिका के बीच 190 बिलियन डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार है। पिछले साल यानी 2024 में भारत ने अमेरिका को कुल 87 अरब डॉलर का निर्यात किया था। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के एक अनुमान के मुताबिक टैरिफ के कारण भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात में 60 फीसदी तक की कमी आ सकती है।
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चीन के दौरे पर जा सकते पीएम मोदी
डोनाल्ड ट्रंप के रवैये के बाद भारत ने रूस और चीन के साथ इंगेजमेंट शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मॉस्को पहुंचे हैं। जल्द ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी रूस की यात्रा करेंगे। इस बीच खबर आ रही है कि सात साल बाद पीएम मोदी चीन के दौरे पर जा सकते हैं। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। आखिरी बार पीएम मोदी ने साल 2018 में चीन का दौरा किया था। पिछले साल रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के वक्त पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई थी।