8 नवंबर यानी आज भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ का लास्ट वर्किंग डे था। इस दौरान उन्होंने अपना विदाई भाषण यानी फेयरवेल स्पीच दिया जिसमें उन्होंने 'कभी किसी को ठेस पहुंचाए' जाने पर माफी मांगी। अपने लास्ट डे पर उन्होंने 7 जजों की बेंच में शामिल होकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसख्यंक दर्जे पर अपना फैसला भी सुनाया। चंद्रचूड़ की जगह अब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। इनकी नियुक्ति 11 नवंबर को होगी।
अपने विदाई भाषण में क्या बोले चंद्रचूड़?
चंद्रचूड़ ने अपने विदाई भाषण में कहा, 'यह न्यायालय ही है जो मुझे आगे बढ़ने में मदद करता है...हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जिन्हें हम संभवतः नहीं जानते। मैं आप सभी का और आप में से हर एक का धन्यवाद करता हूं और अगर मैंने कभी न्यायालय में किसी को ठेस पहुंचाई है, तो आप मुझे माफ कर दें। इतनी बड़ी संख्या में आने के लिए आपका धन्यवाद।'
'मैं यह अवसर नहीं गंवाना चाहता था'
निवर्तमान सीजेआई ने अपनी रिटायरमेंट के दौरान खुलासा किया कि वह औपचारिक पीठ के सूचीबद्ध होने से पहले ‘जितने मामले हो सकते थे, उतने सुनना चाहते थे।' सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, 'जब मेरे कोर्ट स्टाफ ने मुझसे पूछा कि सेरेमोनियल बेंच किस समय सूचीबद्ध होगी, तो मैंने कहा कि मैं जितने मामले कर सकता हूं, करूंगा... मैं अंतिम समय तक न्याय करने का अवसर नहीं गंवाना चाहता।'
क्यों विनम्र महसूस कर रहे थे चंद्रचूड़?
बता दें कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने दो साल पहले नवंबर में देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला था। चंद्रचूड़ अपने लास्ट डे पर बहुत विनम्र महसूस कर रहे थे कि उनके अंतिम संबोधन के लिए इतने सारे लोग उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि कल रात, मैं सोच रहा था कि दोपहर 2 बजे कोर्ट खाली हो जाएगा और मैं स्क्रीन पर खुद को देख रहा होऊंगा। मैं आप सभी की उपस्थिति से विनम्र हूं। हम यहां अपना काम करते हैं और चले जाते हैं।