असम में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोबरा और करैत सांप अपनी मौत के तीन घंटे तक विष छोड़ सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को मृत सांप का दांत लग गया तो उसकी जान जा सकती है। इसका खुलासा अंतरराष्ट्रीय जर्नल फ्रंटियर्स इन ट्रॉपिकल डिजीज के ताजा अंक में हुआ। प्राणी विज्ञानी सुस्मिता ठाकुर, जैव प्रौद्योगिकीविद् रॉबिन डोले, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट सुरजीत गिरि, बाल रोग विशेषज्ञ गौरव चौधरी और हेमन नाथ ने यह अध्ययन किया।
अध्ययन में सांप की मौत के बाद भी विष फैलाने के तीन मामलों का विश्लेषण किया गया। दो मामले मोनोक्लेड कोबरा से जुड़े हैं। पीड़ितों को असम के शिवसागर स्थित डेमो ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। एक मामला छोटे करैत से जुड़ा है। पीड़ित को असम के बोको स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया था।
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25 दिन तक चला इलाज, तब बची जान
अध्ययन के मुताबिक सभी पीड़ितों को एंटी-वेनम की 20 से अधिक शीशियां दी गईं और सभी का अस्पताल में सभी का 25 दिनों तक इलाज चला। जिस व्यक्ति को काले करैत ने काटा था, उसे एंटी-वेनम के अलावा अन्य दवाएं भी देनी पड़ी और वेंटिलेशन सपोर्ट में रखा गया।
सांप के कटे सिर ने शख्स को काटा
पहला मामला शिवसागर जिले का है। यहां एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने एक काले मोनक्लेड कोबरा को अपने मुर्गीघर में पकड़ा और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। जब शख्स मरे सांप को फेंकने जा रहा था, तभी कटे सिर ने शख्स को डस लिया। दूसरा मामला भी शिवसागर जिले का ही है। ट्रैक्टर के पहिया के नीचे आए सांप ने एक शख्स को काट लिया।
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क्यों काटता है सांप का कटा सिर?
डॉ. सुरजीत गिरि का कहना है कि यह सभी दुनिया में मृत कोबरा और करैत के काटने के पहले मामले हैं। उनका कहना है कि गर्म रक्त वाले स्तनधारियों का दिमाग सिर कटने के 6-7 मिनट में बंद हो जाता है, लेकिन ठंडे रक्त वाले सांपों का धीमा चयापचय होता है। इस वजह से सिर कटने या मौत के 4 से 6 घंटे बाद तक भी उनका दिमाग सक्रिय रहता है। अगर कोई शख्स उनके सिर या गर्दन को छूता है तो वे तुरंत काट लेते हैं।