12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ चुकी है। 15 पन्नों की रिपोर्ट में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अहम खुलासे किए हैं। हादसे के कुछ समय पहले कॉकपिट में दोनों पायलटों के बीच हुई अहम बातचीत का भी खुलासा जांच ब्यूरो ने किया है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में सुनाई दिया कि एक पालयट ने दूसरे से पूछा, 'आपने फ्यूल क्यों बंद कर दिया है?' जवाब में दूसरे ने कहा, 'मैंने नहीं किया है'। रिपोर्ट में बताया गया कि 1 बजकर 38 मिनट और 42 सेकंड में दोनों इंजन का फ्यूल स्विच रन से कटऑफ पर चला गया था। उस वक्त विमान 180 नॉट्स अधिकतम की स्पीड पकड़ चुका था। वॉयस रिकॉर्डिंग भी इसी वक्त की है।
चार सेकेंड बाद यानी एक बजकर 38 मिनट और 52 सेकंड पर इंजन-1 के स्विच को वापस रन पर ले जाया गया। इसके चार सेकेंड बाद 1 बजकर 38 मिनट और 56 सेकंड पर इंजन-2 के स्विच को रन पर लाया गया। इंजन और विमान उड़ान रिकॉर्डर (EAFR) के मुताबिक दोनों इंजनों में एग्जॉस्ट गैस टेंपरेचर में वृद्धि दिखी। यह इंजनों में दोबारा प्रज्वलन का संकेत है। इंजन-1 का कोर मंदन (गति बाधित होना) रुक गया और इंजन स्पीड पकड़ने लगा। मगर इंजन-2 ईंधन के बार-बार पहुंचने की कोशिश के बीच स्थिरता नहीं पाई। जांच में सामने आया कि दोनों इंजनों का N2 मान न्यूनतम निष्क्रिय स्तर से नीचे गिर गया था। यह मान इंजन के कोर रोटर गति का प्रमुख संकेतक है।
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एक सेकंड में बंद हुआ स्विच, 30 सेकंड में हादसा
जांच ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक उड़ान भरने के एक सेकंड बाद ही विमान के ईंधन कंट्रोल स्विच बंद हो चुके थे और फ्लाइट महज 30 सेकंड बाद ही हादसे का शिकार हो गई थी। प्रारंभिक जांच में बोइंग 787-8 और जीईएनएक्स-1बी इंजन संचालकों के खिलाफ कोई अनुशंसित कार्रवाई नहीं की गई है। एएआईबी का कहना है कि विमान के बोजर और टैंकों से लिए गए ईंधन के नमूनों का नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की लैब में जांच की गई। परिणाम संतोषजनक मिले। हादसे की जांच की जा रही है।
260 लोगों को गंवानी पड़ी थी जान
12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट- AI-171 अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही थी। उड़ान भरने के बाद विमान हादसे का शिकार हो गया और बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में जा गिरा। विमान में सवार 241 लोगों की जान गई और एक यात्री चमत्कारिक तौर पर जिंदा बच गया। जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोगों की भी मौत हुई। कुल मिलाकर हादसे में 260 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। रिपोर्ट के मुताबिक दो बच्चों समेत 215 यात्री इकोनॉमी और 15 यात्री बिजनेस क्लास में सवार थे।
एटीसीओ को नहीं मिला मेडे कॉल का जवाब
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे से कुछ सेकंड पहले पायलट ने 'मेडे कॉल की थी। जांच ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एटीसीओ (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) ने कॉल साइन के बारे में पूछताछ की। मगर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। मगर उन्होंने एयरपोर्ट से बाहर विमान को हादसे का शिकार होते देख लिया था और तुरंत आपातकालीन प्रतिक्रिया को एक्टिव किया।
हैंगर में रखा गया इंजनों का मलबा
जांच ब्यूरो ने रिपोर्ट में कहा कि विमान के मलबे को हवाई अड्डे के पास सुरक्षित स्थान में ले जाया गया है। ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के साथ मलबे वाली जगह की जांच की जा चुकी है। दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर हवाई अड्डे के एक हैंगर में अलग रखा गया है। आगे की जांच के उद्देश्य से जरूरी कंपोनेंट को भी अलग रख दिया गया है।
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गवाहों के बयान दर्ज
अपनी रिपोर्ट में जांच ब्यूरो ने बताया कि विमान के बाएं पंख के एपीयू फिल्टर और रिफ्यूल/जेटसन वाल्व से बहुत सीमित मात्रा में ईंधन के नमूने मिले हैं। इन नमूनों की जांच एक ऐसे सुविधा में किया जाएगा, जो सीमित मात्रा में मिले ईंधन के साथ परीक्षण करने में सक्षम हो। एएआईबी अभी एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर से डाउनलोड किए गए डेटा का विश्लेषण कर रहा है। उधर, गवाहों और जीवित बचे एकमात्र यात्री के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। जान गंवाने वाले यात्रियों और चालक दल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी विश्लेषण किया जा रहा है।