वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक दोनों सदनों में पारित हो चुका है, लेकिन यह लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। वक्फ (संशोधन) विधेयक को चुनौती देने के लिए कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद के साथ एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाथ मिला लिया है। दोनों नेताओं की दलील है कि प्रस्तावित विधेयक मुसलमानों के मौलिक अधिकार का हनन करता है और इस्लामिक धार्मिक अधिकारों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाता है।
विधेयक पर विचार करने के लिए बनीं संयुक्त संसदीय समिति का हिस्सा रहे जावेद ने तर्क दिया कि यह संविधान के आर्टिकिल 14, 25, 26 और 300A का उल्लंघन करता है जो कि धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यक अधिकार और संपत्ति से जुड़ा हुआ है।
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गैर-मुस्लिमों को शामिल करने पर सवाल
याचिका में गैर-मुस्लिम सदस्य को शामिल किए जाने पर भी आपत्ति दर्ज करायी गई है। उन्होंने दलील दी कि इस तरह का हस्तक्षेप हिंदू या सिख धार्मिक ट्र्स्ट में नहीं है, इसलिए इसका कोई तार्किक आधार नहीं है।
मीडिया से बात करते हुए जावेद ने कहा, 'भारत में काफी लोग याचिका दाखिल करेंगे, कई पार्टियां भी ऐसा करेंगी, जो भी इसके विरोध में है उसका कहना है कि यह असंवैधानिक है। आप किसी के अधिकार को कैसे छीन सकते हैं, अगर आपके पास नंबर है तो इसका यह मतलब नहीं है कि कुछ भी पारित करा लेंगे।'
विधेयक की कॉपी फाड़ दी थी
पार्लियामेंट में डिबेट के दौरान उन्होंने विधेयक की एक कॉपी फाड़ दी थी और इसकी महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में किए गए सविनय अवज्ञा से तुलना की थी।
वक्फ संशोधन बिल वक्फ ऐक्ट 1995 को रिवाइज करना चाहता है, जो कि इस्लामिक कानून के हिसाब से दिए गए दान को मैनेज करता है। यह वक्फ बोर्ड, ट्रिब्यूनल और प्रशासनिक ढांचे को परिभाषित करता है।
क्या कर सकता है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के पास अधिकार होता है कि वह संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून की समीक्षा कर सकता है और संविधान सम्मत न होने पर वह उसे रद्द भी कर सकता है।
हालांकि, संविधान के पास किसी भी कानून में संशोधन करने की शक्ति है लेकिन उसे संविधान के मूल ढांचे के अनुरूप होना चाहिए यानी कि उसे संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
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क्या है वक्फ
इस्लाम को मानने वाला कोई व्यक्ति जब अल्लाह या मजहब के नाम पर कोई संपत्ति दान करता है तो उसे वक्फ की संपत्ति कहा जाता है। एक बार जो संपत्ति वक्फ की हो गई, वह हमेशा के लिए वक्फ की ही रहती है।
वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है 'ठहरना'। वक्फ की संपत्ति को न तो खरीदा जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है। मुसलमान मानते हैं कि वक्फ की संपत्ति का मालिक सिर्फ अल्लाह ही होता है।
अब तक इस्लाम को मानने वाला व्यक्ति चल या अचल संपत्ति वक्फ कर सकता था। मगर नए बिल के मुताबिक, वक्फ के लिए संपत्ति दान करते वक्त बताना होगा कि वह 5 साल से इस्लाम को मान रहा है। संपत्ति दान करने वाले को 'वाकिफ' और इसका प्रबंधन करने वाले को 'मुतवल्ली' कहा जाता है।