सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के एक विधायक एंटोनी राजू के खिलाफ 1990 अंडरवियर साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में क्रिमिनल प्रोसीडिंग को जारी रखने का आदेश दिया है। वह जनाधिपत्य केरल कांग्रेस पार्टी से तिरुवनंतपुरम से विधायक हैं।
उस वक्त राजू जूनियर वकील के रूप में कार्य करते थे। उसी दौरान उन्होंने कथित रूप से ड्रग्स के एक मामले से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की थी।
जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की पीठ ने राजू के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बहाल कर दिया। पीठ ने ट्रायल कोर्ट को एक साल के भीतर कार्यवाही पूरी करने का भी निर्देश दिया।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय ने यह कहकर गलती की कि आपराधिक कार्यवाही दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195(1)(बी) के कारण वर्जित थी।
एंटनी राजू को 20 दिसंबर या अगले कार्य दिवस को ट्रायल कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला 1990 का है। 34 साल पहले एंड्रयू साल्वाटोर सेरवेली नामक ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर अंडरवियर में छिपाकर 61.5 ग्राम चरस की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय राजू केरल की जिला अदालत में आपराधिक मामलों की पैरवी करते थे। तब तक वे सक्रिय राजनीति में नहीं आए थे। राजू ने अंडरवियर चरस मामले में कोर्ट में सेरवेली का केस लड़ा था और ट्रायल कोर्ट ने एनडीपीएस के तहत सेरवेली को दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।
इस फ़ैसले को सेरवेली ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद राजू पर सबूत के तौर पर जब्त किए गए अंडरवियर से छेड़छाड़ का आरोप लगा था।
दरअसल, जिस अंडरवियर में चरस मिली थी, वह सेरवेली को बिल्कुल भी फ़िट नहीं हुआ था। अंडरवियर सेरवेली के शरीर के हिसाब से छोटा था। इस आधार पर कोर्ट ने सेरवेली को बरी कर दिया था।