तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा 90 साल के हो चुके हैं। रविवार को पीएम मोदी ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। अपने जन्मदिन से एक दिन पहले शनिवार को दलाई लामा ने कहा कि 130 साल से अधिक जीने की उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश के मैकलोडगंज में मुख्य तिब्बती मंदिर है। यहां केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने एक दीर्घायु प्रार्थना समारोह का आयोजन किया। बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं से दलाई लामा ने कहा, 'मेरा मानना है कि मैंने बौद्ध धर्म और तिब्बती लोगों की अच्छी तरीके से सेवा की। अगले 30 से 40 साल तक जीने की उम्मीद है, यहां तक कि 130 वर्षों से अधिक समय तक।'
पांच साल पहले दलाई लामा ने कहा था कि वह लगभग 113 साल से अधिक जीएंगे। पिछले साल दिसंबर महीने में उन्होंने दावा किया था कि लगभग 110 साल तक जीने की उम्मीद है। इस बीच अगले दलाई लामा की चर्चा भी तेज है। चीन दलाई लामा के उत्तराधिकार प्लान को खारिज करता है। मगर दलाई लामा ने साफ कर दिया है कि उनके उत्तराधिकार को सिर्फ गादेन फोडरंग ट्रस्ट ही मान्यता देगी।
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पीएम मोदी ने दीर्घायु की कामना की
दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पीएम मोदी ने लिखा, 'मैं 1.4 अरब भारतीयों के साथ दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। वह प्रेम, करुणा, धैर्य और नैतिक अनुशासन के शाश्वत प्रतीक हैं।' पीएम मोदी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की।
रिजिजू ने चीन को आड़े हाथों लिया
दलाई लामा के जन्मदिवस कार्यक्रम पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और सांसद तापिर गाओ भी पहुंचे थे। इस दौरान किरेन रिजिजू ने चीन को आड़ा हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगले दलाई लामा का फैसला स्थापित संस्था और तिब्बती बौद्ध धर्म के नेता ही करेंगे। यह फैसला कोई और नहीं लेगा। बता दें कि चीन लगातार अपनी तरफ से दलाई लामा की नियुक्ति करना चाह रहा है। रिजिजू से पहले 2 जुलाई को दलाई लामा ने एलान किया था कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी। सिर्फ गादेन फोडरंग ट्रस्ट को ही अगले दलाई लामा को मान्यता देने का अधिकार होगा।
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चीन तय करना चाहता दलाई लामा
किरेन रिजिजू बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। उनके साथ केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह भी दलाई लामा के 90वें जन्मदिन समारोह में भारत सरकार की तरफ से हिस्सा लिया। उनका कहना है कि जन्मदिन समारोह एक धार्मिक समारोह है। इसका सियासत से कोई लेना-देना नहीं है। रिजिजू का कहना है कि दलाई लामा बौद्ध धर्म को मानने वाले के लिए सबसे अहम और परिभाषित संस्था हैं। अवतार का फैसला स्थापित परंपरा और दलाई लामा की इच्छा के मुताबिक होना चाहिए। दलाई लामा और मौजूदा परंपरा के मुताबिक किसी और को यह तय करने का अधिकार नहीं है। बता दें कि चीन इस बात पर अड़ा है कि अगले दलाई लामा को उसकी मंजूरी के बाद ही नियुक्त किया जाएगा।