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बांग्लादेशी घुसपैठियों पर नेताओं के अलग बयान, क्या कहते हैं आंकड़े?

भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बहस ने एक बार फिर से जोर पकड़ ली है। जानें अब तक क्या हुआ किसने क्या कहा?

Representational Image : Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

भारत में बांग्लादेशी घुसपैठ की बात बहुत दिनों से हो रही है। लेकिन जब से सैफ अली खान पर हमला हुआ है तब से इस पर चर्चा और ज्यादा शुरू हो गई है। 

 

अलग-अलग पार्टियां और राज्य सरकारें बांग्लादेशी घुसपैठियों की बातें करती रहती हैं। जहां एक तरफ केंद्र सरकार झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर आरोप लगाती रहती है कि वे बांग्लादेशियों को शरण देने में उनकी न सिर्फ सहायता करते हैं बल्कि बॉर्डर पार से उनका आना आसान भी बना देते हैं, तो वहीं राज्य सरकारों का कहना है कि आखिर केंद्र सरकार कर क्या रही है।

 

उनका कहना है कि बॉर्डर की सुरक्षा केंद्र सरकार के हाथों में है तो ऐसी स्थिति में बॉर्डर पार करके बांग्लादेशी अंदर कैसे आ जाते हैं।

 

खैर ये तो रही सरकारों और पार्टियों की बात लेकिन इससे यह सवाल खत्म नहीं हो जाता कि आखिर बांग्लादेशियों की देश में संख्या कितनी है।

क्या कहता है डेटा

हालांकि, डेटा की बात करें तो इसको लेकर कोई आंकड़ा सरकार के द्वारा पेश नहीं किया गया है। लेकिन अलग अलग समय पर कई तरह के आंकड़े पेश किए गए हैं।

 

साल 2004 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने संसद में बताया था कि भारत में 1 करोड़ 20 लाख अवैध बांग्लादेशी हैं। वहीं साल 2016 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा था कि भारत में करीब 2 करोड़ अवैध बांग्लादेशी हैं।

 

ऐसे ही 2018 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी ने 40 लाख अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की है। इस तरह से देखा जाए तो अलग अलग समय के आंकड़े अलग अलग हैं।

गृहमंत्री ने महाराष्ट्र को भेजी चिट्ठी

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।  यह आदेश गृह मंत्रालय द्वारा तब दिया गया जब पूर्व शिवसेना सांसद एमपी राहुल शेवाले ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ के रिप्रेजेंटेशन दिया। इस संदर्भ उन्होंने टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट के आधार पर किया था।

 

 

दिल्ली में भी एलजी ने दिया आदेश

दिल्ली में भी एलजी ने पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि अवैध तौर पर रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

 

पुलिस कमिश्नर को एलजी सचिवालय द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा गया था कि आमतौर पर बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को दुकानदारों द्वारा या घरों में कम सैलरी पर रखा जाता है। इसमें यह भी कहा गया था कि ऐसे सिंडीकेट हैं जो इन्हें बसाने और काम दिलाने में मदद करते हैं।

 

ममता बनर्जी ने लगाया BSF पर आरोप

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए बीएसएफ के जवानों पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वे ही बांग्लादेशियों को बॉर्डर पर घुसने की इजाजत देते हैं और फिर राज्य सरकार पर आरोप लगाते हैं।

'उलटे लटका दिए जाएंगे'

केंद्रीय गृहमंत्री ने झारखंड चुनाव के दौरान कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से आदिवासी जनसंख्या पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। एक रैली में उन्होंने कहा था कि 'बांग्लादेशी घुसपैठ' की वजह से आदिवासी जनसंख्या में तेजी से कमी आ रही है। उन्होंने कहा था कि जो घुसपैठिए महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं उन्हें उल्टा लटका दिया जाएगा।

 

यह भी पढ़ेंः फसल चुराते देख भारतीयों ने बांग्लादेशियों को पीटा, बॉर्डर पर तनाव

 

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