logo

ट्रेंडिंग:

सुप्रीम कोर्ट में हुई EVM की दोबारा गणना, हारा प्रत्याशी जीता निकला

सरपंच चुनाव में हारा प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट में दोबारा मतगणना कराने पर विजेता निकला। तीन साल बाद उसने सरपंच पद की शपथ ली है। वोटिंग ईवीएम से हुई थी। मामला हरियाणा के पानीपत का है।

Buana Lakhu village Sarpanch Case.

सांकेतिक फोटो। (AI Generated Image)

हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना गांव में 2022 में सरपंच का चुनाव हुआ। नतीजे आने पर कुलदीप सिंह ने जीत हासिल की। दूसरे स्थान पर मोहित कुमार रहे। मोहित को अपनी हार पर यकीन नहीं था। उन्होंने चुनाव परिणाम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी। तीन साल बाद जो हुआ उससे हर कोई हैरान है। बुआना गांव में मतदान ईवीएम से हुआ था। सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम मंगाकर दोबारा मतगणना होने पर मोहित कुमार विजेता निकले। इसके बाद गुरुवार को उन्होंने सरपंच पद की शपथ ली।

 

बुआना गांव के सरपंच चुनाव में कुल 7 प्रत्याशी मैदान में थे। छह मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई। ग्राम पंचायत में कुल 3767 मत पड़े। अधिकारियों ने कुलदीप सिंह के पक्ष में 1117 मत दर्ज किए। वहीं मोहित कुमार के पक्ष में 804 वोट की गणना हुई। इस लिहाज से मोहित कुमार को 313 मतों से हारा घोषित कर दिया गया।

 

यह भी पढ़ें: 'जादू से पैदा कर दिए 1 करोड़ वोटर,' अधिकार रैली में क्या बोले राहुल?

 

27 वर्षीय मोहित कुमार ने अपनी हर को जिला अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दी। उनका आरोप था कि बूथ नंबर 69 के पीठासीन अधिकारी ने गलती से उनके वोट को कुलदीप सिंह के नाम पर दर्ज कर दिए थे। उसी दिन दोबारा मतगणना होने पर मोहित कुमार को 51 वोटों से विजेता घोषित कर दिया। अब मोहित की जीत को कुलदीप सिंह ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी। पिछले साल मार्च में कोर्ट ने मोहित के चुनाव को रद्द कर दिया।

 

मोहित कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसी साल देश की शीर्ष अदालत ने सभी बूथों की दोबारा मतगणना का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में हुई ईवीएम की मतगणना में मोहित कुमार को कुल 1051 और कुलदीप सिंह 1000 वोट मिले। 11 जुलाई को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मोहित कुमार को विजयी घोषित किया। 13 अगस्त को पानीपत के उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी वरिंदर दहिया ने एक अधिसूचना में मोहित कुमार को बुआना लाखू गांव का सरपंच घोषित किया। उधर, संबंधित पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

 

यह भी पढ़ें: 'बिहार में खैनी के साथ चूना रगड़ दिया जाता है', यह क्या बोल गए तेजस्वी

मुझे न्यायपालिका पर भरोसा: मोहित

मोहित कुमार ने स्नातक तक पढ़ाई की है। उनके पास तीन एकड़ जमीन है और दो भाइयों में बड़े हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मोहित कुमार ने कहा, मुझे गांव वालों और अन्य लोगों ने हार को स्वीकार लेने की सलाह दी। उनका कहना था कि कुछ नहीं होने वाला है। मैंने जिला अदालतों से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। मुझे न्यायपालिका पर भरोसा था।

Related Topic:#supreme court#EVM

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap