रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को तोप प्रणाली और भारी तोपों को तेज स्पीड से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने में सक्षम वाहनों की खरीद के लिए 6,900 करोड़ रुपये का रक्षा करार किया है। यह करार भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ किया गया है। इसमें 307 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम और 327 हाई मोबिलिटी 6x6 गन-टोइंग वाहनों का उत्पादन किया जाएगा।
इसके साथ ही डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित 155 मिमी/52-कैलिबर एटीएजीएस के भी रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस करार के साथ में इस साल रक्षा मंत्रालय ने अबतक 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा कैबिनेट समिति ने 19 मार्च को एटीएजीएस सौदे को मंजूरी दी थी। एटीएजीएस की गोला-बारूद के साथ में 45 किलोमीटर तक की मारक क्षमता है।
लंबी दूरी के हमले करने में सक्षम
मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'इस तोप प्रणाली की खरीद सेना की तोपखाना रेजिमेंटों के आधुनिकीकरण में एक मील का पत्थर है। यह चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर भारत की ताकत को बढ़ाएगा। अपनी असाधारण मारक क्षमता के लिए विख्यात ATAGS सटीक और लंबी दूरी के हमले करने में सक्षम है, जो सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।'
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60 फीसदी तोपों का निर्माण करेगा भारत फोर्ज
करार के मुलाबिक भारत फोर्ज 60 फीसदी तोपों का निर्माण करेगा, जबकि टाटा कंपनी बाकी की तोपों का 40 फीसदी का उत्पादन करेगी। अधिकारी ने कहा, 'एटीएजीएस पुरानी हो चुकी 105 मिमी और 130 मिमी तोपों की जगह लेगा। इसके 65 फीसदी से ज्यादा पार्ट्स भारत में ही बने हैं। इन पार्ट्स में बैरल, मज़ल ब्रेक, ब्रीच मैकेनिज्म, फायरिंग, रिकॉइल सिस्टम और गोला-बारूद हैंडलिंग मैकेनिज्म शामिल हैं।'
एक बार में पांच-राउंड बर्स्ट फायर
अधिकारियों ने कहा है कि एटीएजीएस तेजी के साथ सटीक हमले करने में माहिर है। साथ ही इसके रखरखाव में बहुत कम खर्च आएगा। एटीएजीएस एक बार में पांच-राउंड बर्स्ट फायर कर सकते हैं। बता दें कि जो देश ऐसी तोपों का इस्तामाल करते हैं, उनकी तोपें एक बार में महज तीन-राउंड बर्स्ट फायर करती हैं।