दिल्ली में अब तक सत्ता में रही आम आदमी पार्टी अब विपक्ष में आ गई है। वहीं, 27 साल से विपक्ष में रही बीजेपी अब सरकार में आ गई है। इसलिए अब रोल बदल गए हैं। दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को कहा कि अपने चुनावी वादे पूरे करने के लिए बीजेपी आर्थिक संकट का बहाना न बनाए। वहीं, दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के भ्रष्ट शासन के चलते दिल्ली का खजाना खाली हो गया है।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने दावा किया, '2014-15 दिल्ली का बजट 31 हजार करोड़ रुपये था। तब दिल्ली पर अपनी जीडीपी का 6.6 फीसदी कर्ज था। अब दिल्ली का बजट 77 हजार करोड़ रुपये हो गया है। जीडीपी पर कुल कर्ज घटकर 3 फीसदी रह गया है।' आतिशी ने दावा करते हुए कहा, 'हमें पता चला है कि बीजेपी ने वादे पूरा न करने का फैसला लिया है। वो इसका ठीकरा आम आदमी पार्टी पर फोड़ेंगे और कहेंगे कि दिल्ली सरकार के पास पैसे नहीं हैं।'
इस पर पलटवार करते हुए रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, 'नई सरकार को आते ही आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा लेकिन वो बीजेपी के वादों को लेकर परेशान न हों। पहली कैबिनेट मीटिंग में प्रमुख वादों को पूरा किया जाएगा।'
दिल्ली की अर्थव्यवस्था कितनी?
दिल्ली सरकार के 2023-24 का आर्थिक सर्वे बताता है कि मार्च 2014 तक दिल्ली पर 32,080 करोड़ रुपये का कर्ज था। मार्च 2023 तक ये कर्ज बढ़कर 40,017 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। सर्वे के मुताबिक, 2013-14 तक जीडीपी का कुल 6.48% कर्ज था। 2023-24 में ये घटकर 3.94% हो गया।
इतना ही नहीं, इस दौरान दिल्ली की जीडीपी भी दोगुना से ज्यादा बढ़ी है। 2014-15 में दिल्ली की जीडीपी 4.51 लाख करोड़ रुपये थी। 2023-24 तक जीडीपी बढ़कर 11.07 लाख करोड़ रुपये हो गई।
कहां से कमाती है दिल्ली और कहां करती है खर्च?
- कमाईः दिल्ली का 2024-25 का बजट 76 हजार करोड़ रुपये था। ये 2023-24 की तुलना में 1.47 फीसदी ज्यादा था। दिल्ली सरकार के बजट दस्तावेज के मुताबिक, सबसे ज्यादा कमाई टैक्स से होती है। टैक्स से दिल्ली को 58,750 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलता है। इसके अलावा 3,224 करोड़ रुपये केंद्र की प्रायोजित योजनाओं के लिए और 1,168 करोड़ रुपये केंद्र से मिलते हैं। टैक्स रेवेन्यू में सबसे ज्यादा 41 हजार करोड़ रुपये GST और VAT से आए हैं। वहीं, एक्साइज ड्यूटी से 6,400 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
- खर्चः रही बात खर्च की तो 2024-25 में दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा 16,396 करोड़ रुपये शिक्षा पर किए। हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट पर 9,800 करोड़ और स्वास्थ्य पर 8,685 करोड़ रुपये खर्च किए। ट्रांसपोर्ट के लिए 7,470 करोड़, साफ-सफाई और पानी के लिए 7,195 करोड़ और सोशल सिक्योरिटी और वेलफेयर के लिए 6,694 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। ब्याज चुकाने पर 2,666 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई थी।
दिल्ली की योजनाओं पर कितने खर्च का अनुमान?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में सब्सिडी पर खर्च लगभग 10 गुना तक बढ़ा है। 2014-15 में सब्सिडी पर कुल खर्च 1,155 करोड़ रुपये था। 2024-25 में सब्सिडी पर 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।
सबसे ज्यादा सब्सिडी बिजली पर मिलती है। 2014-15 में बिजली पर सब्सिडी में 292 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 2024-25 में ये आंकड़ा 3,600 करोड़ रुपये के पार जाने की संभावना है। बीजेपी ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद बिजली पर सब्सिडी खत्म नहीं होगी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार 200 यूनिट तक बिजली फ्री देती है। बीजेपी की सरकार में भी 200 यूनिट बिजली पर कोई बिल नहीं आएगा।
दिल्ली में बीजेपी ने महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने का वादा किया था। आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 1 हजार रुपये देती थी। इस पर 4,560 करोड़ रुपये खर्च होते थे। बीजेपी अगर 2,500 रुपये देती है तो 11,400 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
इसके अलावा बीजेपी ने दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को हर महीने 2,500 रुपये पेंशन देने का वादा भी किया था। अगर इस वादे को पूरा किया जाता है तो सालाना कम से कम 4,100 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी।