दिल्ली में सरकार बदलने के साथ ही व्यवस्था भी बदलने लगी है। पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार जहां दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक को अपना मॉडल बताती थी और इसे पूरे देश में लागू करने की वकालत करती थी, वहीं अब नई भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने 250 मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि उन मोहल्ला क्लीनिक को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा जो किराए के मकानों में चल रहे हैं। उन्होंने आरोप भी लगाए हैं कि बहुत सारे मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं और इनके जरिए धांधली भी की जा रही है।
नए स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह का कहना है कि दिल्ली सरकार अपने 100 दिन के प्लान के तहत स्वास्थ्य महकमे को दुरुस्त करेगी। उन्होंने दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'मोहल्ला क्लीनिक फ्रॉड का अड्डा हैं। लगभग 250 मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ पेपर पर हैं और ये किराए की जमीन पर चलते हैं और इनके लिए दिए जाने वाले किराए का दुरुपयोग किया जा रहा है। इन सभी को तुरंत बद करने के आदेश जारी किए गए हैं।' दिल्ली में सत्ता में आते ही बीजेपी ने आयुष्मान योजना भी लागू करने का फैसला किया है जो अभी तक दिल्ली में लागू नहीं की गई थी।
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दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने कहा है, 'हमसे पहले की सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना लागू नहीं की। शायद इसमें प्रधानमंत्री शब्द जुड़ा था तो उन्हें इससे जुड़ने में दिक्कत थी। इस 7वें जन औषधि दिवस के अवसर पर मैं ऐलान कर रही हूं कि जहां भी संभव है, दिल्ली में भी जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। हम हाई कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे, जिसमें कहा गया कि हर अस्पताल के 500 मीटर से कम दूरी के अंदर जन औषधि केंद्र होने चाहिए।'
क्या है मोहल्ला क्लीनिक?
दरअसल, जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी तो उसने स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के वादे के साथ मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की। ये छोटे स्तर के क्लीनिक हैं जिनमें डॉक्टर बैठते हैं और दवाएं भी मुफ्त दी जाती हैं। दिल्ली के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है और वहां भी सैकड़ों मोहल्ला क्लीनिक खोले गए हैं। 23 अगस्त 2023 तक दिल्ली में कुल 533 मोहल्ला क्लीनिक चल रहे थे।
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शुरुआत में जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक खोलने की शुरुआत की थी तब कई जगहों पर जमीन मिलने में समस्या आ रही थी। ऐसे में सरकार ने फैसला किया था कि किराए की जमीन या बिल्डिंगों में भी मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे। इसके लिए हर महीने 30 हजार रुपये तक का किराया भी दिया जाता है।
AAP लगातार दावा करती रही है कि दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की वजह से लोगों को काफी फायदा हुआ है और इससे आम लोगों को दवाएं आसानी से और मुफ्त में मिल रही हैं। हालांकि, बीजेपी लगातार दावा करती रही है कि मोहल्ला क्लीनिक बुरे हाल में हैं और इनके जरिए भ्रष्टाचार भी किया गया है। हाल ही में पेश की गई CAG रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया कि कई मोहल्ला क्लीनिक में सुविधाएं बेहद खराब थीं। पूर्व में मोहल्ला क्लीनिक में काम करने वाले कर्मचारी और अन्य स्टाफ अपनी सैलरी और अन्य सुविधाओं के लिए भी प्रदर्शन करते रहे हैं।
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CAG रिपोर्ट में क्या मिला?
- हाल ही में आई CAG रिपोर्ट में कहा गया कि लक्ष्य 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का था लेकिन 2023 तक सिर्फ 523 मोहल्ला क्लीनिक ही खोले गए थे।
- कई मोहल्ला क्लीनिक में पीने के पानी, टॉयलेट और अन्य सुविधाएं ही नहीं हैं।
- कई क्लीनिक में दवाएं रखने की जगह, पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर और थर्मामीटर जैसी सुविधाएं नहीं थीं।
- अक्तूबर 2022 और मार्च 2023 के बीच 70 पर्सेंट मरीज ऐसे थे जिन्हें सिर्फ 1 मिनट के अंदर ही सलाह/दवा दे दी गई।
- 74 क्लीनिक ऐसे थे जो इसेंशियल ड्रग लिस्ट में आने वाली 165 जरूरी दवाओं का स्टॉक भी नहीं मेनटेन कर पाए।