दिल्ली साल 2025 की पहली छमाही में देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा है। उसने 10 जनवरी को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से निर्धारित सालाना PM 2.5 की सीमा और 5 जून तक राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAQS) की सीमा को पार कर गया है। दिल्ली में 2025 की पहली छमाही में पीएम 2.5 का औसत स्तर 87 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया है। यहां अधिकांश दिन प्रदूषण मध्यम और इसके बाद संतोषजनक श्रेणी में रहा। खराब और बहुत खराब श्रेणी के स्तर तक भी प्रदूषण पहुंचा। तीन दिन प्रदूषण गंभीर और तीन दिन अच्छी श्रेणी में भी रिकॉर्ड किया गया। इसका खुलासा सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की नई रिपोर्ट में हुआ है। CREA का कहना है कि विभिन्न शहरों में बढ़ते प्रदूषण से यह साफ है कि यह समस्या अब देश के कुछ हिस्सों तक सीमित न होकर व्यापक हो चुकी है।
असम और मेघालय की सीमा पर बसा बर्नीघाट अभी तक 2025 का सबसे प्रदूषित शहर है। यहां पीएम 2.5 का स्तर औसतन 133 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया है। छह महीने में बर्नीहाट में अधिकांश दिन बेहद खराब' श्रेणी (75) में थे। यहां अच्छी श्रेणी में कोई भी रिकॉर्ड नहीं किया गया।
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देश के 10 सबसे दूषित शहरों में चार बिहार के
देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में चार बिहार, दो ओडिशा और बाकी दिल्ली, असम, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का एक-एक शहर शामिल है। पटना, सासाराम, हाजीपुर, गाजियाबाद, गुरुग्राम, तालचेर, राउरकेला और राजगीर टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची का हिस्सा हैं।
10 सबसे प्रदूषित शहर
- बर्नीहाट
- दिल्ली
- हाजीपुर
- गाजियाबाद
- गुरुग्राम
- सासाराम
- पटना
- तालचेर
- राउरकेला
- राजगीर
कर्नाटक के तीन शहर सबसे साफ
मिजोरम का आइजोल देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा। यहां पीएम 2.5 का औसत स्तर 8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। देश के सबसे 10 स्वच्छ शहरों में कर्नाटक के तीन, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के दो-दो, मिजोरम, मणिपुर और मध्य प्रदेश का एक-एक शहर शामिल है।
10 सबसे साफ शहर
- आइजोल
- तिरुपुर
- तिरुनेलवेली
- बरेली
- मैहर
- वृंदावन
- इंफाल
- मड़ीकेरी
- चामराजनगर
- चिकमगलूर
239 शहरों में WHO के मानकों से अधिक प्रदूषण
राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। CREA ने गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) वाले 293 शहरों में से 239 का विश्लेषण किया और पाया कि 239 शहरों में से 122 में पीएम 2.5 का स्तर वार्षिक राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों से अधिक था। वहीं 117 में यह NAAQS से नीचे था। मगर सभी 239 शहर में पीएम 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के वार्षिक मानक 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक था।
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43 शहरों की हवा रही अच्छी
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम वाले सभी 98 शहरों में प्रदूषण डब्ल्यूएचओ के स्तर से अधिक मिला। वहीं 55 शहर में प्रदूषण राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक से ज्यादा था। वहीं राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में नहीं शामिल होने वाले 141 शहरों में भी हालत कुछ ऐसी ही देखने को मिली। इस सूची के 67 शहर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक से अधिक प्रदूषित मिले। 2025 की पहली छमाही में देश के 43 शहरों की वायु गुणवत्ता अच्छी रही। 174 शहरों में संतोषजनक, 21 शहरों में मध्यम और एक शहर में बेहद खराब एयर क्वालिटी रिकॉर्ड की गई।