केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बिल्डर्स और बैंकों के बीच 'नेक्सस' (मिलीभगत) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है, जो घर खरीदने वालों (होमबायर्स) को ठग रहे हैं। बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि CBI ने बिल्डर्स और बैंकों द्वारा चलाए जा रहे इस धोखाधड़ी के रैकेट की जांच के लिए 22 FIR दर्ज की हैं। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर हुई है। बिल्डर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, अजनारा इंडिया लिमिटेड, जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड, वाटिका लिमिटेड, जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड, सुपरटेक और आइडिया बिल्डर्स सहित कई अन्य बिल्डर्स के खिलाफ CBI ने अलग-अलग FIR दर्ज की हैं।
इसके अलावा CBI ने देश के बड़े बैंकों को भी FIR में शामिल किया है, जिनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पिरामल फाइनेंस, HDFC बैंक, ICICI बैंक, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस और PNB हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड शामिल हैं। ये FIR CBI की आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज की हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने CBI को छह शुरुआती जांचों को 22 रेग्युलर मामलों में बदलकर आगे की जांच करने की अनुमति दी, जिसके बाद CBI ने ये FIR दर्ज कीं।
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बिल्डर और बैंक ने कैसे ठगा?
FIR के अनुसार, बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने घर खरीदने वालों को सबवेंशन स्कीम के तहत लोन दिया, जिसमें लोन की राशि सीधे बिल्डर्स को दी जाती थी। बिल्डर्स को फ्लैट्स का पजेशन देने तक EMI का भुगतान करना था। लेकिन बिल्डर्स ने समय पर फ्लैट्स नहीं दिए। जब बिल्डर्स अपने वादों पर खरे नहीं उतरे, तो बैंकों ने होमबायर्स से EMI की मांग शुरू कर दी। इससे परेशान होमबायर्स ने कानूनी कार्रवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने CBI की मेहनत की तारीफ की और कहा कि CBI ने 1,000 से ज्यादा लोगों से बात की और 58 प्रोजेक्ट साइट्स का दौरा किया, जिससे यह घोटाले सामने आया।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि CBI की सातवीं प्रारंभिक जांच, जो NCR के बाहर मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और इलाहाबाद में बिल्डर्स (सुपरटेक को छोड़कर) के प्रोजेक्ट्स से संबंधित है, अभी जारी है।
1200 लोगों ने लगाई अर्जी
सुप्रीम कोर्ट ने 1200 से ज्यादा होमबायर्स की याचिकाओं पर सुनवाई की। इन होमबायर्स ने NCR क्षेत्र, खासकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में बैंकों की सबवेंशन स्कीम के तहत फ्लैट्स बुक किए थे। पीड़ितों का आरोप है कि फ्लैट्स का पजेशन नहीं मिलने के बावजूद बैंक उनसे EMI वसूल रहे हैं।
29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने CBI को NCR में बिल्डर्स और उनके प्रोजेक्ट्स के खिलाफ पांच प्रारंभिक जांच शुरू करने की अनुमति दी थी। इसके अलावा, सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ एक अलग प्रारंभिक जांच शुरू की गई, जिसमें 799 होमबायर्स ने आठ अलग-अलग शहरों के प्रोजेक्ट्स को लेकर 84 अपील दायर की हैं।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने कहा, 'हम CBI की सिफारिश को स्वीकार करते हैं और CBI को नियमित मामले दर्ज करके कानून के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।' कोर्ट ने CBI को NCR के बाहर के प्रोजेक्ट्स की सातवीं प्रारंभिक जांच के लिए छह हफ्तों का समय दिया है।