दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट को चलाने वाले दो पायलटों को भारत के विमानन विभाग ने उड़ान भरने से रोक दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि उन्होंने खराब मौसम और तेज ओलावृष्टि के बीच विमान उड़ाया। अधिकारियों ने शु्क्रवार को बताया कि इस दौरान लाहौर और श्रीनगर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से हुई बातचीत की नई जानकारी भी सामने आई हैं। इस फ्लाइट में 227 यात्री सवार थे, जो इस खतरनाक स्थिति से सुरक्षित बच निकले।
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2 बार मिली थी पायलटों को चेतावनी
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने बताया कि इंडिगो का एयरबस A321 नियो विमान एक समय इतनी तेजी से नीचे गिरा कि वह हर मिनट करीब 8,500 फीट नीचे आ गया था। यह सामन्य उतरने की रफ्तार से लगभग चार गुना ज्यादा है। यह हादसा तब हुआ जब विमान एक तूफान में फंस गया और उसकी कई उड़ान नियंत्रण प्रणालियां काम करना बंद कर गईं। पायलटों को एक साथ दो खतरों की चेतावनी मिली- एक 'स्टॉल' की, जब विमान ऊपर उठना बंद कर देता है और तेजी से नीचे गिरने लगता है, और दूसरी 'ओवरस्पीड' की, यानी विमान बहुत तेज उड़ रहा था। पायलट स्थिति को संभालने और विमान पर दोबारा नियंत्रण पाने की कोशिश में जूझते रहे।
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जांच पूरी होने तक लगी रोक
घटना से जुड़े एक और अहम पहलू का खुलासा हुआ है। जब विमान तूफान में फंसा, तो पायलटों ने पाकिस्तान के एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मदद के लिए संपर्क किया। भारतीय एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने हाल ही में भारत-पाक के बीच हुए सैन्य तनाव और हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण पायलटों को पाकिस्तान की ओर न जाने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने लाहौर ATC से सीधे संपर्क किया।
पायलटों ने आपात स्थिति में लाहौर ATC से मदद मांगी लेकिन पाकिस्तानी ATC ने यह अनुरोध ठुकरा दिया। DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने कहा है कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने तक दोनों पायलटों को उड़ान भरने से रोक दिया गया है। DGCA के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी।