दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। ये झटके सुबह करीब 9 बजकर 4 मिनट पर आए। भूकंप के कारण लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए, जमीन 10 सेकेंड तक हिलती रही। इस भूकंप का केंद्र दिल्ली से 60 किलोमीटर दूर हरियाणा का झज्जर था। दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप के बाद एक व्यक्ति ने बताया कि वह चाय पी रहे थे और इतने में धरती हिल गई।
रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई है। हरियाणा के झज्जर में करीब 2 मिनट के अंदर दो बार झटके महसूस किए गए। पहला झटका सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर और दूसरा हल्का झटका 9 बजकर 6 मिनट पर आया। इससे आसपास के इलाके भी हिल गए और लोग डरे हुए थे। हालांकि, अभी तक इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।
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'चाय पी रहे थे और हिल गई धरती'
इस भूंकप के बाद एक व्यकित ने बताया, 'हम यहां बैठकर चाय पी रहे थे तो एकदम मुझे तेज झटका महसूस हुआ फिर मैंने लड़कों से कहा कि जल्दी बाहर आओ। इसके बाद हम सब बाहर भागे और बाहर आकर खड़े हो गए। भूकंप बहुत तेज था हमें झटका लगा और धरती हिली तभी हम बाहर भागे।'
एक व्यक्ति ने भूकंप के झटकों के बाद कहा, 'बहुत तेज झटके थे। जब ये झटके आए तो मैं दुकान पर था और ऐसा लगा जैसे कोई दुकान को हिला रहा हो। वहां मौजूद लोग कह रहे थे कि यह जमीन क्यों हिल रही है।'
गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने कहा, 'ग्राउंड फ्लोर पर तो झटके महसूस नहीं होते। हम तो अभी उठे ही थे और एकदम से हिलने लगा तो हम डर गए। कुछ दिन पहले भी ऐसा ही हुआ था और हम डर गए थे।दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भूकंप आता रहता है । इसलिए हमें सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल वगैरह करके तैयार रहना चाहिए ताकि अगर कभी भूकंप आए तो हम तैयार रहें।'
दिल्ली की भौगोलिक स्थिति की वजह से ऐसे भूकंप आना कोई असामान्य बात नहीं है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र 4 में स्थित है, जहां भूकंप का खतरा ज्यादा रहता है। शहर में पहले भी कई बार ऐसे झटके महसूस किए गए हैं। 2020 में भी दिल्ली में 3.0 की तीव्रता से ज्यादा के तीन भूकंप आए थे।