प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया है। उन पर कथित फर्जी बैंक गारंटी देने का आरोप है। पूरा मामला उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ 3000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी से जुड़ा है। ईडी ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को तलब किया है। उनसे पूछताछ से पहले केंद्रीय एजेंसी ने बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में पहली गिरफ्तारी की।
पार्थ सारथी बिस्वाल को 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी जमा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह फर्जी गारंटी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को दी गई थी। पार्थ सारथी बिस्वाल को शुक्रवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA)- 2002 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सबसे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद मामले की जांच ईडी ने शुरू की।
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दिल्ली पुलिस ने दर्ज की थी पहली एफआईआर
एफआईआर में आरोप लगाया गया कि बिस्वाल ट्रेडलिंक और उसके निदेशकों ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी प्रदान की। इसमें जाली ईमेल आईडी और नकली दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया था। ईमेल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डोमेन से मिलते-जुलते फर्जी डोमेन का इस्तेमाल किया गया। ईडी के मुताबिक अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर से बिस्वाल ट्रेडलिंक को 5.4 करोड़ रुपये की रकम मिली। 2019 में स्थापित बिस्वाल ट्रेडलिंक लगभग सात बैंक खातों का संचालन कर रही थी। इन्हीं में रकम का लेन-देन किया गया। रिलायंस पावर ने जाली दस्तावेजों से बैंक गारंटी प्राप्त करने के लिए ही बिस्वाल ट्रेडलिंक को यह भुगतान किया था।
अनिल अंबानी के विदेश जाने पर रोक
प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय बुलाया है। उनके विदेश जाने पर भी रोक लगा दी गई है। अब संभावना जताई जा रही है कि ईडी अनिल अंबानी और पार्थ सारथी बिस्वाल को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है। दरअसल, ईडी की विशेष अदालत ने पार्थ सारथी बिस्वाल को 6 अगस्त तक एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है।
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रिलायंस समूह ने क्या कहा?
ईडी ने शुक्रवार को बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट कोलकाता और भुवनेश्वर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसी दिन रिलायंस समूह ने एक बयान जारी किया और कहा कि कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने ईमानदारी से काम किया और धोखाधड़ी का शिकार हुई हैं। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इसकी सूचना दी है। दिल्ली पुलिस में आपराधिक शिकायत पहले ही दर्ज कराई गई है।