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14 साल पुराने केस में जगन पर ऐक्शन, ED ने जब्त की 800 करोड़ की संपत्ति

14 साल पुराने एक मामले में ED ने कार्रवाई करते हुए जगन मोहन रेड्डी के 27 करोड़ रुपये से ज्यादा शेयर्स जब्त कर लिए हैं। साथ ही डालमिया सीमेंट्स की 800 करोड़ की जमीन को भी जब्त कर लिया है।

YS Jagan Mohan Reddy

जगन मोहन रेड्डी। (Photo Credit: X@YS Jagan Mohan Reddy)

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ ED ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने जगन मोहन रेड्डी के 27.5 करोड़ रुपये के शेयर जब्त कर लिए हैं। साथ ही डालमिया सीमेंट्स (भारत) लिमिटेड (DCBL) की 377.2 करोड़ रुपये की जमीन को भी अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। हालांकि, DCBL ने दावा किया है कि जब्त की गई जमीन की कीमत 793.3 करोड़ रुपये है। 


ED ने यह ऐक्शन 14 साल पुराने एक मामले में लिया है। इस मामले में CBI ने 2011 में जांच शुरू की थी। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रही है। 


जांच एजेंसी ने बताया है कि जगन मोहन रेड्डी के पास कार्मल एशिया होल्डिंग्स लिमिटेड, सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड और हर्षा फर्म में शेयर थे, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। जब्ती का यह आदेश 31 मार्च को जारी हुआ था। हालांकि, DCBL को यह आदेश 15 अप्रैल को मिला है।

 

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क्या है पूरा मामला?

CBI और ED की जांच में सामने आया है कि DCBL ने जगन मोहन रेड्डी की कंपनी रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड में 95 करोड़ रुपये का निवेश किया था। आरोप है कि बदले में जगन ने अपने पिता और तत्कालीन सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी के प्रभाव का इस्तेमाल किया और DCBL को खनन के लिए कडप्पा जिले में 407 हेक्टेयर जमीन दिलवाई थी।


आरोप है कि ऑडिटर और पूर्व सांसद वी विजय साई रेड्डी और DCBL के पुनीत डालमिया के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत, साई रेड्डी ने रघुराम सीमेंट्स में अपने शेयर PARFICIM नाम की एक फ्रेंच कंपनी को 135 करोड़ रुपये में बेच दिए थे। इस 135 करोड़ में से 55 करोड़ रुपये हवाला के जरिए 16 मई 2010 से 13 जून 2011 के बीच जगन रेड्डी को कैश में दिए गए थे। 


जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि हवाला के जरिए DCBL ने 55 करोड़ रुपये लौटा दिए थे। इससे यह साबित होता है कि शुरुआत में DCBL ने जो 95 करोड़ रुपये दिए थे, वह अवैध भुगतान था, न कि निवेश। 8 अप्रैल 2013 को CBI ने जगन रेड्डी समेत कई आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

 

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139 करोड़ रुपये होने थे ट्रांसफर!

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसियों का आरोप है कि हवाला के जरिए जगन मोहन रेड्डी और उनकी कंपनियों को 139 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने थे। इसमें से 55 करोड़ रुपये दे भी दिए गए थे। हालांकि, बाद में CBI सामने आ गई और कथित लेन-देन की जांच शुरू कर दी, इसलिए बाकी रकम ट्रांसफर नहीं हो सकी।

DCBL ने क्या कहा?

CBI ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें DCBL को आरोपी नंबर-3 बनाया गया है। बताया जा रहा है कि DCBL ने संपत्ति की जब्ती के आदेश की जानकारी SEBI को दे दी है। DCBL ने SEBI को भी यह बताया है कि इस जब्ती से उसके ऑपरेशन पर असर नहीं पड़ता है।

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