मंगलवार को चुनाव आयोग ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने के लिए नोटिस जारी किया। नई दिल्ली जिले के जिला चुनाव अधिकारी ने खेड़ा को जारी किए गए नोटिस की एक प्रति एक्स पर साझा की। नोटिस के अनुसार, खेड़ा का नाम नई दिल्ली और जंगपुरा विधानसभा क्षेत्रों, दोनों जगहों पर मतदाता सूची में दर्ज है।
नोटिस में कहा गया है, ‘जैसा कि आपको पता होगा, एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन कराना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत दंडनीय अपराध है। इसलिए, आपको निर्देश दिया जाता है कि बताएं कि आपके खिलाफ इस अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए।’
8 सितंबर तक देना है जवाब
कांग्रेस नेता को इस नोटिस का जवाब 8 सितंबर को सुबह 11 बजे तक देना होगा। कानून के अनुसार, एक से अधिक सक्रिय वोटर आईडी रखना गैरकानूनी है और इसके लिए एक साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि खेड़ा के जवाब देने या समय सीमा तक जवाब न देने पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
पवन खेड़ा ने इस मामले में चुनाव आयोग को ही जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि उनके नाम का दो विधानसभा क्षेत्रों - जंगपुरा और नई दिल्ली - में होना आयोग की गलती है। खेड़ा ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, ‘मैं 2016 में नई दिल्ली क्षेत्र से दूसरी जगह चला गया था और मैंने वहां से अपना नाम हटाने की पूरी प्रक्रिया की थी। फिर भी मेरा नाम वहां क्यों है? मैं चुनाव आयोग से पूछना चाहता हूं कि मेरे नाम पर नई दिल्ली में कौन वोट डाल रहा है। मुझे उसका सीसीटीवी फुटेज चाहिए।’
चुनाव आयोग पर सवाल
खेड़ा ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठाती रही है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस बार-बार वोटर लिस्ट मांगती है, लेकिन हमें नहीं दी जाती। यह लिस्ट बीजेपी नेताओं और चुनाव आयोग के पास होती है।’
यह विवाद बीजेपी नेता अमित मालवीय के एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शुरू हुआ। मालवीय ने X पर लिखा, ‘राहुल गांधी 'वोट चोरी' की बात करते हैं, लेकिन अब पता चला कि पवन खेड़ा, जो गांधी परिवार के करीबी होने का दावा करते हैं, के पास दो सक्रिय वोटर आईडी हैं।’
मालवीय ने कहा कि अब चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए कि क्या खेड़ा ने एक से अधिक बार वोट डाला, जो कि चुनाव कानून का उल्लंघन है।