वोट चोरी-SIR पर चुनाव आयोग की PC, कहा- कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे
देश
• NEW DELHI 17 Aug 2025, (अपडेटेड 17 Aug 2025, 4:07 PM IST)
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाली पार्टियां मतदाता सूची में गलतियों की जानकारी आयोग को दें।

ज्ञानेश कुमार। Photo Credit- PTI
विपक्षी पार्टियों ने वोट चोरी और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे थे। इसको लेकर चुनाव आयोग ने रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब दिया।
आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाली पार्टियां मतदाता सूची में गलतियों की जानकारी आयोग को दें। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। पहले भी त्रुटि ठीक करने की मांग होती रही है।
चुनाव आयोग प्रतिबद्ध
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में SIR को सफल बनाने के लिए चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'बिहार के 7 करोड़ से ज्यादा मतदाता चुनाव आयोग के साथ हैं। मतदाता सूची का सत्यापन किया जा रहा है। सच को नजरअंदाज करते हुए भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।' इस दौरान उन्होंने कहा कि संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे।
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "The doors of the Election Commission are always open for everyone equally. At the ground level, all the voters, all the political parties and all the booth-level officers are working together in a transparent… pic.twitter.com/1R1l3dDSPG
— ANI (@ANI) August 17, 2025
दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकते हैं?
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'भारत के संविधान के मुताबिक, 18 साल की उम्र पूरी करने वाले हर भारतीय नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए। आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, हर राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के जरिए होता है। फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए सभी समान हैं। चाहे कोई भी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।'
ज्ञानेश कुमार का जवाब
ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से सदैव खुले हैं। जमीनी स्तर पर सभी मतदाता, सभी राजनीतिक दल और सभी बूथ स्तरीय अधिकारी मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं, सत्यापन कर रहे हैं, हस्ताक्षर कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित BLO के ये सत्यापित दस्तावेज, प्रशंसापत्र या तो उनके अपने राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।'
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कदम दर कदम सभी पक्ष बिहार के एसआईआर को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध, प्रयासरत और मेहनत कर रहे हैं। जब बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं, तो न तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर और न ही मतदाताओं की विश्वसनीयता पर कोई प्रश्नचिह्न लगाया जा सकता है।
1.6 लाख BLO ने मसौदा सूची तैयार की
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, 'SIR की बिहार में शुरुआत हो चुकी है। 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंटों (BLO) ने एक मसौदा सूची तैयार की है। चूंकि यह मसौदा सूची हर बूथ पर तैयार की जा रही थी, इसलिए सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों ने अपने हस्ताक्षरों से इसे सत्यापित किया है। मतदाताओं ने कुल 28,370 दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं।'
#WATCH | Delhi: Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "...SIR has been started in Bihar. 1.6 lakh Booth Level Agents(BLA) have prepared a draft list...As this draft list was being prepared in every booth, the Booth Level Agents of all political parties verified it with… pic.twitter.com/Y8bRTprCQH
— ANI (@ANI) August 17, 2025
उन्होंने आगे कहा, 'हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं। उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया। क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, के सीसीटीवी वीडियो शेयर करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं।'
कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?
ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा, 'लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं। इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?'
कोई जवाब नहीं दिया गया
ज्ञानेश कुमार ने विपक्षी नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कुछ मतदाताओं ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया। जब उनसे सबूत मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है। जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आज चुनाव आयोग सभी को यह स्पष्ट करना चाहता है कि चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा सहित सभी वर्गों और सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा।
निराधार आरोप लगाने के पीछे की मंशा क्या है?
उन्होंने आगे कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नतीजे घोषित करने के बाद भी, कानून में यह प्रावधान है कि 45 दिनों की अवधि के भीतर राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट में जाकर चुनाव को चुनौती देने के लिए चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं। इस 45 दिनों की अवधि के बाद, इस तरह के निराधार आरोप लगाना, चाहे वह केरल हो, कर्नाटक हो, या बिहार हो। जब चुनाव के बाद की वह 45 दिन की अवधि समाप्त हो जाती है और उस अवधि के दौरान, किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल को कोई अनियमितता नहीं मिलती है, तो आज, इतने दिनों के बाद, देश के मतदाता और लोग इस तरह के निराधार आरोप लगाने के पीछे की मंशा को समझते हैं।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap