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रिटायरमेंट के बाद कब तक सरकारी बंगले में रह सकते हैं पूर्व CJI? समझिए

रिटायरमेंट के 8 महीने बाद भी पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ टाइप-VIII बंगले में रह रहे हैं। बंगला खाली कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से सरकारी बंगला खाली कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई कदम उठाया है। पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो गए थे लेकिन अब भी सरकारी बंगले में रह रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है और बंगला खाली कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजी चिट्ठी में कहा है कि रिटायरमेंट के 8 महीने बाद भी इस बंगले में रह रहे हैं।

 

पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ दिल्ली में कृष्णा मेनन मार्ग पर स्थित 5 नंबर बंगले में रह रहे हैं। यह चीफ जस्टिस का आधिकारिक आवास होता है। हालांकि, पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ रिटायरमेंट के बाद भी 8 महीने से यहां रह रहे हैं। इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि इस बंगले को खाली कराया जाए और सुप्रीम कोर्ट के हाउसिंग पूल को सौंपा जाए। सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्टेशन ने इसे लेकर 1 जुलाई को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को यह चिट्ठी लिखी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है और इसे लेकर जरूरी कदम उठाने की मांग की है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को चिट्ठी में लिखा है, 'बिना किसी देरी के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर 5 खाली कराए जाए और इसे सुप्रीम कोर्ट के हाउसिंग पूल को सौंपा जाए।'

 

इस चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने इसमें 2022 के नियमों का हवाला भी दिया है, जिसके तहत रिटायर जज 6 महीने तक सरकारी बंगले में रह सकते हैं। चिट्ठी में बताया गया है कि नियमों के तहत मिली 6 महीने की अवधि भी 10 मई 2025 को खत्म हो गई है।

 

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पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने क्या कहा?

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने थे। जस्टिस चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से नवंबर 20224 तक चीफ जस्टिस थे। वे अभी कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला नंबर-5 में रह रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का आधिकारिक आवास है।

 

अब तक बंगला न खाली न करने पर पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि 'मेरी दो बेटियां, जिन्हें गंभीर जेनेटिक और न्यूरॉलिजकल समस्याएं हैं। घर में ICU जैसा सेटअप बनाया जा रहा है। बेटियों की देखभाल AIIMS के डॉक्टरों की निगरानी में होती है। बेटियों की जरूरतों के मुताबिक बाहर घर ढूंढना कठिन था।'

 

 

उन्होंने Bar & Bench से बात करते हुए कहा, 'मेरी बेटियां 16 और 14 साल की है। अब वे 6 साल की बच्ची नहीं रहीं। उनकी अपनी गरिमा, प्राइवेसी और जरूरतें हैं। कुछ छोटी-छोटी चीजें हैं। जैसे बाथरूम के दरवाजों की चौड़ाई, ताकि व्हीलचेयर अंदर जा सके।'

 

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सरकारी बंगले पर इतनी बहस क्यों?

दरअसल, जिस टाइप-VIII बंगले में पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ रह रहे हैं, वह चीफ जस्टिस का आधिकारिक आवास है। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को चिट्ठी लिखकर 30 जून तक बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी।

 

उन्होंने Bar & Bench से कहा, 'हमने कई जगह शॉर्टलिस्ट की थी। हमें फाइनल करने के लिए दो महीने और चाहिए। मैंने 28 अप्रैल को लिखित अनुरोध मांगा था। जस्टिस खन्ना ने कहा था कि वे कृष्णा मेनन मार्ग स्थित घर में नहीं रहेंगे और यहां तक उन्होंने मुझे सुझाव दिया था कि मैं वहीं रहूं।'

 

जस्टिस खन्ना के बाद जस्टिस बीआर गवई चीफ जस्टिस बने। इस बारे में पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैंने जस्टिस गवई से कहा कि सरकार ने मुझे जो घर दिया है, उसे मरम्मत की बहुत जरूरत है। वह दो साल से खाली पड़ा था। कोई भी जज यहां रहना नहीं चाहता था। ठेकेदार ने बताया है कि जून के आखिर तक मरम्मत का काम चलेगा।' उन्होंने बताया कि 'मैंने उनसे कहा कि अगर आप इसे बढ़ा सकते हैं तो मैं बहुत आभारी रहूंगा। अगर नहीं तो मैं मार्केट रेट के हिसाब से किराया देने के लिए तैयार हूं।'

 

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सरकारी बंगले को लेकर क्या है नियम?

सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आमतौर पर 1 महीने तक सरकारी आवास में रहने की अनुमति होती है। हालांकि, कुछ खास परिस्थितियों में इसे बढ़ाया जा सकता है।

 

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जजों को लेकर 2022 में नियम जारी किए गए थे। इन नियमों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज 6 महीने तक टाइप-VII बंगले में रह सकते हैंइस दौरान उन्हें कोई किराया देने की जरूरत भी नहीं है

 

 

हालांकि, रिटायरमेंट के बाद किन्हीं कारणों से अगर कोई चीफ जस्टिस टाइप-VIII बंगले में ही रहता है, तो उन्हें किराया देना पड़ता हैऐसी स्थिति में पूर्व चीफ जस्टिस को हर महीने 5,430 रुपये लाइसेंस फीस के तौर पर चुकाने पड़ते हैं

 

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रिटायर CJI को क्या-क्या सुविधा मिलती है?

रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को सालाना 16.80 लाख रुपये की पेंशन मिलती है। इसके अलावा, उन्हें 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी भी दी जाती है।

 

2022 के नियमों के मुताबिक, चीफ जस्टिस को रिटायरमेंट के 5 साल बाद तक सुरक्षा मिलती है। उनके आवास पर चौबीसों घंटे सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहता है। वहीं, रिटायर्ड जज को यह सुविधा 3 साल तक मिलती हैइसके अलावा, हर रिटायर चीफ जस्टिस को एक डोमेस्टिक हेल्पर और एक ड्राइवर भी मिलता है

 

यह नियम यह भी कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस को फ्री फोन कॉल और इंटरनेट डेटा भी मिलता हैहालांकि, इसका बिल हर महीने 4,200 रुपये तक होना चाहिएइससे ज्यादा का बिल इन्हें ही चुकाना होता है

फिर कहां रहेंगे पूर्व CJI चंद्रचूड़?

पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को तुगलक रोड पर बंगला नंबर 14 अलॉट किया गया हैकृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगले को खाली करने के बाद वे यहीं रहेंगेपूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, 'हमने पैकिंग पूरी कर ली हैफर्नीचर भी पैक हो चुका है। अब बस 10 दिन और लगेंगे। ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते लगेंगे।'

 

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