एक जुलाई को भारतीय नौसेना में आईएनएस तमाल को शामिल किया जाएगा। तमाल एक स्टील्थ युद्धपोत है। 2016 में भारत और रूस के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत दो युद्धपोतों को रूस और दो को भारत में बनाया जाना है। नया युद्धपोत रूस के कलिनिनग्राद से नौसेना का हिस्सा बनेगा। रूस में बना गाइडेस मिसाइल फ्रिगेट आईएएस तमाल अनेक खूबियों से लैस है। युद्धपोत के कमीशनिंग समारोह में भारत और रूस के कई बड़े अधिकारी शामिल होंगे। वहीं पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। पिछले साल आईएनएस तुशील को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
भारतीय नौसेना के मुताबिक तमाल को नौसेना की 'स्वोर्ड आर्म', पश्चिमी बेड़े में शामिल हो जाएगा। इसके निर्माण में लगभग 26 फीसदी स्वदेशी पुर्जे लगे हैं। युद्धपोत पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को तैनात किया जा सके। इससे जमीन और हवा में सटीक हमला करना आसान होगा। युद्धपोत में भारत और रूस की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके नौसेना में शामिल होने से समुद्र में भारत की ताकत में निश्चित रूप से इजाफा होगा।
आईएनएस तमाल की खूबियां
- यह युद्धपोत 125 मीटर लंबा है
- युद्धपोत का वजन 3900 टन है
- वर्टिकल मिसाइल लॉन्च की क्षमता
- 100 एमएम गन की तैनाती
- हैवीवेट टॉरपीडो
- तुंरत हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट
- आधुनिक सर्विलांस और फायर कंट्रोल रडार
- मल्टी रोल हेलीकॉप्टर की तैनाती की व्यवस्था
- स्टील्थ डिजाइन तकनीक से लैस
कितनी है तमाल की रफ्तार?
रूस में लगभग तीन महीने तक युद्धपोत का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण सेंट पीटर्सबर्ग और कैलिनिनग्राद के भीषण ठंड जैसी परिस्थितियों में हुआ। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल का कहना है, 'तमाल अपने वजन से अधिक शक्तिशाली है। इसमें बहुत अधिक भार और मारक क्षमता और सहनशक्ति है और इसकी अधिकतम गति 30 नॉट से ऊपर है।'
रूस-भारत साझेदारी का प्रतीक
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की बढ़ती क्षमताओं के साथ-साथ भारत-रूस साझेदारी का भी प्रतीक है। युद्धपोत का निर्माण रूस के कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में किया गया है। आईएनएस तमाल क्रिवाक श्रेणी का फ्रिगेट है। पिछले दो दशक में भारत ने रूस से ऐसे आठ फ्रिगेट लिए है। हालांकि विदेश से लिया जाने वाला यह आखिरी फ्रिगेट है। बाकी का निर्माण भारत में ही होगा।
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कैसे नाम पड़ा तमाल?
आईएनएस तमाल तलवार और तेग श्रेणी के फ्रिगेट से उन्नत है और तुशील श्रेणी का दूसरा जहाज है। भारत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में आईएनएस त्रिपुट नाम से दो ऐसे ही फ्रिगेट का निर्माण कर रहा है। दरअसल, समझौते के तहत रूस को तकनीकी और डिजाइन ट्रांसफर करना है। भारतीय नौसेना के मुताबिक युद्धपोत का नाम तमाल देवताओं के राजा इंद्र द्वारा युद्ध में इस्तेमाल की जाने वाली पौराणिक तलवार का प्रतीक है। जहाज का शुभंकर भारतीय पौराणिक कथाओं के राजा 'जाम्बवंत' और रूसी राष्ट्रीय पशु यूरेशियन भूरे भालू से प्रेरित है।