देश में जनगणना के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत यह सूचना जारी की है। जनगणना 2027 से की जाएगी। यह देश की 16वीं जनगणना होगी। भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है।
अधिसूचना में बताया गया है कि जगणना 1 मार्च 2027 से शुरू की जाएगी। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर इसका अपवाद होंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में अक्तूबर 1 से जनगणना शुरू होगी।
जनगणना का गजट जारी करने से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनगणना की तैयारियों को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने तैयारियों पर मंथन किया था। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और दूसरे सीनियर अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे। जनगणना में कुल 34 लाख लोग शामिल होंगे, जो जनगणना करेंगे। इसमें गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक शामिल होंगे। डिजिटल उपकरणों की मदद से करीब 1.3 लाख जनगणना कर्मी आकंड़े दर्ज करेंगे। जनगणना के साथ ही जातिगत जनगणना भी की जाएगी।
कैसे होगी जनगणना, क्या पूछा जाएगा?
जनगणना दो चरणों में होगी। दोनों चरणों में अलग-अलग सवाल पूछे जाएंगे।
- पहले चरण में हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) से जुड़े सवाल होंगे, जैसे क्या-क्या उपकरण आपके घर में हैं, घर की स्थिति कैसी है, क्या सुविधाएं मिली हैं। हर घर से जुड़े विवरण निकाले जाएंगे।
- दूसरे चरण के तहत डेमोग्राफी, सामाजिक आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति और दूसरे विवरण मांगे जाएंगे। घर में कितने सदस्य हैं, क्या जाति है, समुदाय क्या है, इससे जुड़े विवरण जुटाए जाएंगे।
क्यों लद्दाख में पहले शुरू होगी जनगणना?
मार्च तक इन इलाकों में भीषण बर्फबारी होती है, मौसम संबंधी चुनौतियां हैं, इस वजह से जनगणना पहले ही शुरू की जाएगी।
आखिरी बार कब हुई थी जनगणना?
आखिरी बार जनगणना साल 2011 में हुई थी। साल 2027 में 1931 के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब जाति आधारित जनगणना की जाएगी।