हरियाणा के नायब सैनी सरकार में मंत्री अनिल विज ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली के कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने मीडिया से इस जवाब के बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया है। यह जानकारी सामने आई है कि उन्होंने 8 पन्नों में अपने शीर्ष नेतृत्व को अपनी सफाई सौंपी है।
अनिल विज ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, 'मैंने उस चिट्ठी को भेजने के बाद फाड़कर टुकड़े जेब में रखे हैं, जिसे जला दूंगा। उन्हें कुछ और चाहिए होगा तो वह भी दे दूंगा।'
अनिल विज ने कहा, 'मैं तीन दिन से बेंगलुरु में था। वहां से मैं रात आया। घर आया। ठंडे पानी से नहाया। घर बैठकर रोटी खाई और मैंने वहीं जवाब लिख दिया। मुझे 3 दिन का समय दिया गया था, मैंने समय से पहले जवाब भेज दिया है, मैंने लिखा है कि अगर किसी और बात क जवाब चाहिए वह भी मैं लिखकर दे दूंगा। जितना मैं याद कर सका, जितना मैं सोच सका मैंने लिखकर दे दिया।'
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'चिट्ठी फाड़कर जेब में रख लिया, अब जलाऊंगा'
अनिल विज ने कहा, 'चिट्ठी को भेजने के बाद टुकड़े फाड़कर जेब में रख लिए हैं, जिन्हें जला दूंगा। पार्टी चाहे तो इनकी जांच करा ले।' अनिल विज से पत्रकारों ने चिट्ठी के बारे में सवाल किया, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि अगर नोटिस मुझे भेजा गया था तो यह मीडिया में कैसे लीक हो गया।
कब जारी हुआ था नोटिस?
अनिल विज के खिलाफ 10 फरवरी को मुख्यमंत्री नायब सैनी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के खिलाफ बयानबाजी करने पर प्रदेश अध्यक्ष के लेटरहेड पर नोटिस भेजा गया था। उनसे 3 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था। उन्होंने 3 दिनों के भीतर जवाब भी दे दिया।
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हरियाणा विवाद पर दिल्ली में मंथन
सूत्रों के मुताबिक मोहन लाल बड़ौली और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने केंद्रीय नेतृत्व से हरियाणा के आंतरिक कलह को लेकर मुलाकात की थी। अनिल विज ने सीएम ने नायब सैनी को उड़नखटोले पर सवार तक बता दिया था। उन्होंने मोहन लाल बड़ौली पर कहा था कि एक ऐसा व्यक्ति जिस पर यौन शोषण के आरोप हैं, वह कैसे अध्यक्ष बना रह सकता है, उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
मनोहर लाल खट्टर सरकार में मंत्री रहने के दौरान भी अनिल विज की नाराजगी सुर्खियों में रही है। खुद मनोहर लाल खट्टर इस बारे में कह चुके हैं कि अनिल विज मन में कुछ नहीं रखते, उन्हें जो महसूस होता है बोल देते हैं।