logo

ट्रेंडिंग:

वो टॉप 8 कंपनियां जिसके पीछे पड़ी थी हिंडनबर्ग, ऐसे लुढ़का था शेयर

2017 में अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग का गठन हुआ। इस कंपनी ने 8 साल में 8 बड़ी कपंनियों के खुलासे किए जिससे इनका शेयर तेजी से लुढ़का था।

Hindenburg these top 8 companies targeted

हिंडनबर्ग, photo credit: AI generated Pic

अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग बंद हो रही है। कंपनी के संस्थापक नेट एंडरसन ने इसकी खुद पुष्टि की है। साल 2017 में अपनी कंपनी की शुरुआत करने वाले एंडरसन का मानना है कि उन्होंने इसे बंद करने का फैसला बहुत सोच-समझ कर लिया और इस फैसले की कोई एक वजह नहीं है।

 

न कोई डर, न कोई स्वास्थ्य समस्या और न ही कोई निजी मुद्दा लेकिन फिर भी हिंडनबर्ग कंपनी बंद हो गई। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अपने खुलासों से दुनियाभर में सनसनी फैला दी थी। ऐसी कई बड़ी नामी कंपनियों के खुलासे किए जिसके बाद इन सभी के शेयर पूरी तरह से डूब गए। यह वहीं कंपनी है जिसके खुलासों से भारतीय बिजनेसमैन गौतम अदाणी को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था। हालांकि, इस कंपनी के बंद होने से अदाणी समूह के शेयर 10 प्रतिशत ऊपर चढ़ा है। 

 

इस 8 साल में हिंडनबर्ग ने 8 बड़े कंपनियों के 8 खुलासे किए जिसके कारण इन सभी कंपनियों के शेयर बहुत तेजी से लुढ़के। तो आइये जाने हिंडनबर्ग के 888 कनेक्शन के बारे में....

8 साल हिंडनबर्ग

हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) कंपनी की स्थापना 2017 में हुई थी। यह एक अमेरिकी फॉरेंसिक वित्तीय शोध (forensic financial research) कंपनी है, जिसकी स्थापना नथानियल एंडरसन (Nathaniel Anderson) ने की थी।

  • यह कंपनी मुख्य रूप से उन कंपनियों की जांच करती है जो वित्तीय अनियमितताओं, धोखाधड़ी, या गड़बड़ियों में शामिल हो सकती हैं।
  • इसका मुख्य काम ऐसी कंपनियों की पहचान करना है जो निवेशकों को गुमराह कर रही हैं या अपने वित्तीय आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही हैं।

कंपनी का नाम 'हिंडनबर्ग' क्यों? 

  • कंपनी का नाम 1937 में हुई प्रसिद्ध हिंडनबर्ग एयरशिप दुर्घटना से प्रेरित है। यह दुर्घटना एक बड़ी त्रासदी थी।
  • हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि वो वित्तीय बाजारों में भी ऐसी 'आर्थिक आपदाओं' को उजागर करने का काम करते हैं।

चर्चा में आने का कारण

  • हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई हाई-प्रोफाइल कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट जारी की हैं, जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी और गड़बड़ियों को उजागर किया गया है।
  • हाल ही में यह कंपनी भारत की अदाणी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट के कारण चर्चा में रही, जहां उन्होंने अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए।

यह भी पढ़ें: झटके में अरबों स्वाहा... हिंडनबर्ग ने अडानी का कितना नुकसान किया था?

8 बड़ी कपंनियां, 8 खुलासे

अदाणी ग्रुप (Adani Group)

आरोप (जनवरी 2023):

  • शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए स्टॉक मैनिपुलेशन और बहीखाता में गड़बड़ी
  • कर्जों को छुपाने और अपनी वित्तीय स्थिति को गलत तरीके से मजबूत दिखाने का आरोप।
  • फर्जी शेल कंपनियों के जरिए पैसों की हेरफेर और टैक्स बचाने का आरोप

 

परिणाम:

  • रिपोर्ट जारी होने के बाद अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।
  • कंपनी ने इन आरोपों का खंडन किया हालांकि, इससे निवेशकों प्रभावित हुए।

निकोला कॉर्पोरेशन (Nikola Corporation)

आरोप (सितंबर 2020):

  • इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन-आधारित ट्रक निर्माता निकोला पर फर्जी तकनीक दिखाने और निवेशकों को गुमराह करने का आरोप।
  • आरोप था कि कंपनी ने एक 'फेक वीडियो' के जरिए ट्रक को चलते हुए दिखाया, जबकि ट्रक वास्तव में काम ही नहीं कर रहा था।

 

परिणाम:

  • निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को पद छोड़ना पड़ा।
  • अमेरिकी न्याय विभाग ने इस मामले की जांच शुरू की।
  • शेयर में 50 फीसदी गिरावट आई।

 लकीन कॉफी (Luckin Coffee)

आरोप (2020):

 

  • चीनी कंपनी लकीन कॉफी पर बिक्री के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप।
  • कंपनी ने नकली बिक्री दिखाकर निवेशकों को गुमराह किया।

 

परिणाम:

  • लकीन कॉफी का शेयर मूल्य लगभग शून्य हो गया।
  • अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ से कंपनी को डीलिस्ट कर दिया गया।

लॉर्डस्टाउन मोटर्स (Lordstown Motors)

आरोप (2021):

 

  • इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी पर आरोप था कि उसने नकली प्री-ऑर्डर दिखाए और अपनी उत्पादन क्षमता के बारे में झूठे दावे किए।

परिणाम:

  • लॉर्डस्टाउन के शेयरों में भारी गिरावट आई।
  • कंपनी के सीईओ और CFO को इस्तीफा देना पड़ा।

 ब्लॉक इंक (Block Inc., पहले Square Inc.)

आरोप (मार्च 2023):

 

  • मोबाइल पेमेंट और फिनटेक कंपनी ब्लॉक पर ग्राहक संख्या और राजस्व को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप।
  • 'कैश ऐप' प्लेटफॉर्म का उपयोग धोखाधड़ी के लिए होने का दावा।

 

परिणाम:

  • रिपोर्ट आने के बाद ब्लॉक के शेयरों में गिरावट आई।

अफरम होल्डिंग्स (Affirm Holdings)

आरोप (2022):

 

  • बाय-नाउ-पे-लेटर (Buy Now, Pay Later) सेवाएं देने वाली इस कंपनी पर जोखिम और घाटे को छुपाने का आरोप।'

 

परिणाम:

  • शेयरों में तेजी से गिरावट आई।

क्लोवर हेल्थ (Clover Health) 

आरोप (2021):

 

  • कंपनी ने निवेशकों को नहीं बताया कि वह अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के दायरे में है। 

 

परिणाम:

  • कंपनी के शेयर 14 डॉलर से 7 डॉलर पर आ गए थे। 

इचान इंटरप्राइजेज (Icahn enterprises)

आरोप (2023):

 

  • वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाए।
  • कंपनी की डिवीडेंट संरचना को पोंजी स्कीम बताया। 

परिणम:

  • इस खुलासे के बाद कंपनी के 50 प्रतिशत शेयर लुढ़के। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap