दिल्ली में 10-11 अक्टूबर 2024 की दरम्यानी रात को हुए गैंग रेप मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि महिला की जान सिर्फ इसलिए बच सकी क्योंकि विंग कमांडर कविराज चौहान ने रुककर उसकी सहायता की और पुलिस को सूचना दी।
उस रात लोग अपनी धुन में आ-जा रहे थे, पर सड़क किनारे खून से लथपथ पड़ी पीड़िता पर किसी का भी ध्यान नहीं था। लेकिन इस बीच एक व्यक्ति वहां रुकता है. वह थे कविराज चौहान।
कविराज चौहान ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उस दिन की पूरी कहानी बताई। वह कहते हैं कि उस दिन वह अपने पिता को रेलवे स्टेशन से लाने के लिए गए थे। लेकिन चूंकि ट्रेन लेट थी तो उन्होंने रेलवे स्टेशन से 2-3 किलोमीटर की दूरी पर ही इंतजार करने के बारे में सोचा।
वह आगे बताते हैं कि, 'जब मैंने अपने पिता से बात की तो उन्होंने कहा कि उनकी ट्रेन ग़ाज़ियाबाद स्टेशन पर खड़ी है। इसके बाद मैंने उन्हें वहीं से पिक-अप करने के लिए अपनी कार को ग़ाज़ियाबाद रेलवे स्टेशन की तरफ आगे बढ़ा दिया। लेकिन तब तक मेरे पिताजी का दोबारा फोन आया और उन्होंने कहा कि ट्रेन दिल्ली की तरफ चल चुकी है इसलिए अब उन्हें रिसीव करने के लिए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ही आना पड़ेगा. इसके बाद मैंने यू-टर्न ले लिया।'
आगे टाइम्स ऑफ इंडिया को वह बताते हैं कि सैकड़ों लोग अपनी गाड़ियों से, ऑटो रिक्शा और टू व्हीलर से वहां से गुज़र रहे थे लेकिन कोई भी वहां पर नहीं रुका। महिला के कपड़े फटे हुए थे और उसके प्राइवेट पार्ट वाले एरिया से खून बह रहा था। वह आगे बताते हैं कि मैं उसकी सहायता के लिए रुक गया और उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह कुछ भी बोल नहीं पा रही थी।
फिर वह कहते हैं कि पहले तो मुझे लगा कि वह किसी सड़क दुर्घटना में घायल हो गई है लेकिन जिस तरह से महिला के खून बह रहा था उससे लग रहा था कि कुछ इससे ज्यादा गंभीर घटना घटित हुई है। इसके बाद उन्होंने पुलिस को कॉल किया।
एयर फोर्स अधिकारी कविराज ने कहा, 'मैंने पहली बार इस तरह की अमानवीय घटना देखी थी। उसकी सहायता के लिए कोई भी वहां नहीं रुका. लेकिन लोगों को संवेदनशील होने की ज़रूरत है। अगर लोग इस तरह की घटनाओं को रिपोर्ट करने लगें तो राजधानी में क्राइम रेट कम हो जाएगा।'
वह इंटरव्यू में बताते हैं कि इसके बाद पुलिस महिला को अस्पताल लेकर गई और उसकी जान बचाई जा सकी।