ग्राउंड रिपोर्ट: पंजाब-हरियाणा और हिमाचल में कितनी तबाही, हालात कैसे?
देश
• CHANDIGARH 03 Sept 2025, (अपडेटेड 03 Sept 2025, 6:20 PM IST)
पंजाब-हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार से आम जनता त्रस्त है। सैकड़ों घर उजड़ चुके हैं। नदियों के किनारे न केवल फसल, बल्कि खेत तक गायब हो चुके हैं। इन तीनों राज्यों में बाढ़ के बाद कैसे हैं हालात?आइये जानते हैं।

बाढ़ से कितनी तबाही। (Photo Credit: khabargaon)
उत्तर पश्चिम भारत इन दिनों मौसम की मार से बेहाल है। पंजाब-हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में हालात बेहद खराब हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से सतलुज, व्यास और रावी नदियों के अलावा मौसमी नालों में उफान है। हरियाणा और पंजाब के मैदानी इलाके बाढ़ की चपेट में है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना से सटे हरियाणा के जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पंजाब में अभी तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। हरियाणा में टांगरी, घग्गर और मारकंडा नदियां उफान पर हैं।
चंडीगढ़ में बुधवार सुबह से ही तेज बारिश हो रही है। सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान को छू गया है। इसके बाद प्रशासन को आनन-फानन फ्लड गेट खोलने पड़े। भारी बारिश के अलर्ट के बीच चंडीगढ़ के सभी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है।
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हथिनीकुंड बैराज से अभी तक 29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। दिल्ली में यमुना नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया है। यमुना के किनारे बसे हरियाणा के जिलों, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के शहरों में प्रशासन अलर्ट पर है।

हिमचाल में इस बार 2023 से भी बड़ी तबाही
हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने 2023 की तुलना में इस साल अधिक तबाही मचाई है। लगातार दो बार आई बाढ़ से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। कुल्लू, मंडी और मनाली में भारी बारिश और भूस्खलन से फोरलेन का नामोनिशान मिट गया है। पंडोह से मनाली तक बुरा हाल है। कुल्लू से मनाली के बीच आवाजाही बंद हो गई है। लोगों तक दूध, ब्रेड, अखबार और राशन नहीं पहुंच पा रहा है। लाहौल में 60 फीसदी फूल गोभी और 30 फीसदी तक मटर की फसल तबाह हो चुकी है।
हालत इतने खराब हैं कि लोगों को अपनी शादियां तक स्थगित करनी पड़ रही हैं। मणिमहेश को जाने वाला रास्ता बंद है। भारी बारिश और जगह-जगह भूस्खलन ने हिमाचलियों की कमर तोड़ दी है। शिमला-चंडीगढ़ हाइवे कई जगह भूस्खलन की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ है। कई स्थानों पर बंद सड़क को खोलने पर प्रशासन जुटा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है।

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हिमाचल में कितना नुकसान?
- हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक 161 लोगों की मौत।
- सड़क हादसों में गई 154 से ज्यादा लोगों की जान।
- प्रदेश में 91 बार आई फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़)।
- बादल फटने की 45 और भूस्खलन की 105 घटनाएं।
- प्रदेशभर में अभी तक 38 लोग लापता।
- 845 घर पूरी तरह से और 3254 घर आंशिक क्षतिग्रस्त।
- अब तक 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान।
हरियाणा में यमुना से सटे जिलों में अलर्ट
हरियाणा में यमुना, घग्गर, मारकंडा और टांगरी नदियां उफान पर हैं। अभी तक लाखों हेक्टेयर फसल बाढ़ की चपेट में आ चुकी है। यमुना से सटे इलाकों में स्थिति चिंताजनक है। यहां ग्रामीणों को जागकर रात गुजारनी पड़ रही है। हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से करनाल, पानीपत, यमुनागर, फरीदाबाद, सोनीपत और पलवल में कई एकड़ फसल तबाह हो चुका है।

फरीदाबाद के डीसी के मुताबिक यमुना जिले में 30 किमी क्षेत्र में बहती हैं। नदी से सटे 26 में से 14 गांवों में बाढ़ का खतरा है। इनमें मंझावाली, चंद्रपुर, मोटखा, छौंसा, बसंतपुर, लालपुर, महावतपुर, किडावाली, राजपुर कलां और तिलौरी समेत खादर इलाके के अन्य गांव शामिल हैं। हरियाणा सरकार ने सभी अधिकारियों को 5 सितंबर तक मुख्यालय पर रहने का आदेश जारी किया है।
- भिवानी, रोहतक, फतेहाबाद, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर, पंचकूला और अंबाला में प्रशासन अलर्ट मोड पर।
- सिरसा जिले में घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर। 24 घंटे में नदी में 5 हजार क्यसेक पानी बढ़ा।
- अंबाला जिले में टांगरी और मारकंडा नदी का जलस्तर बढ़ रहा। ऐसा ही हाल सोम नदी का।
- मंगलवार तक शाहाबाद में मारकंडा नदी में लगभग 30 हजार क्यूसेक पानी पहुंचा।
- यमुनागर जिले के लगभग 150 गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी।
कैसा है ट्राइसिटी का हाल?
मौसम विभाग ने बुधवार को हरियाणा, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लेह और लद्दाख में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इस बीच चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को सभी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है। पंजाब में 7 सितंबर तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। हरियाणा के पंचकूला में आंगनबाड़ी केंद्रों पर छुट्टी कर दी गई है। इसके अलावा जिले के पिंजौर में 13, रायपुररानी में 2, बरवाला में 13 और मोरनी ब्लॉक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। भारी बारिश के बाद सुखना का जलस्तर खतरे के निशान को छू गया है। प्रशासन ने फ्लड गेट खोल दिए हैं।
37 साल बाद पंजाब में सबसे भयानक बाढ़
साल 1988 में पंजाब ने भीषण बाढ़ झेली थी। व्यास, सतलुज और रावी नदी में आई बाढ़ में 500 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इसके बाद पंजाब सबसे भयानक त्रासदी का सामना कर रहा है। पंजाब में आई मौजूदा बाढ़ में अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है। 12 जिलों के 1,400 गांव बाढ़ की चपेट में है। इन जिलों में अमृतसर, बरनाला, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, मानसा, मोगा, पठानकोट और मोहाली शामिल हैं।

4 लाख एकड़ फसल डूबी
पंजाब सरकार ने प्रदेश के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है। इस भयानक त्रासदी से लगभग 354,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक 20 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक 4 लाख एकड़ फसल बाढ़ में डूब चुकी है।
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