दुनिया में जितनी पुरानी मानव सभ्यता है, उतनी ही पुरानी हैं लड़ाइयां। हर युग में इंसान-इंसान से लड़ता रहा है। कभी भोजन की तलाश में हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो कभी इंसानी लड़ाइयों के लिए। ऐसी जरूरतों के लिए बनी थी बंदूक। मानव इतिहास में युद्धों की क्या कोई एक तारीख तय हो सकती थी? भारत से लेकर चीन तक, पर्सिया से लेकर रोम तक, किन सभ्यताओं में पहली बार जंग लड़ी गई? कोई नहीं बता सकता है। इन लड़ाइयों की रूप-रेखा हमेशा के लिए तब बदल गई, जब दुनिया में पहली बार बंदूक आई।
1000 साल पहले दुनिया ने बंदूक जैसे औजार बना लिए थे। चीन में कबीर 850 ईस्वी के आसपास एक रसायनविज्ञानी ने बारूद बना लिया था। वह बना कुछ और रहा था, बन कुछ और गया। चीन में उस यौगिक को 'हुओ याओ' नाम दिया गया। यह चारकोल, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर को मिलाकर बनाया गया था। किसी भी जंग में पहली बार सोन्ग राजवंश के योद्धाओं ने बारूद का इस्तेमाल किया था। मंगलों के खिलाफ लड़ाई में उनका ये हथियार निर्णायक साबित हुआ था। मंगोलों के बार-बार आक्रमण से सोन्ग साम्राज्य की जड़ें हिल गई थीं।
कैसे बनी दुनिया की पहली बंदूक?
चीन ने मंगोलों खिलाफ सबसे पहले हथियारों से फेंके जाने वाली आग का इस्तेमाल किया था। इन्हें तीरों के साथ एक ट्यूब में भरा जाता था, जो दुश्मनों की सेना पर सैनिक छोड़ देते थे। धमाका होता था, आग लग जाती थी। अगले कुछ शताब्दियों में इन्हें आधुनिक रूप दिया जाने लगा। चीन ने हथगोले बनाए, तोपों का निर्माण किया।
किस तरह की थीं ये बंदूकें?
ये बंदूकें, बांस या किसी लंबे खोखले पाइप की तरह होती थीं। इनमें ही बारूद भरा जाता था, जो दूर जाकर कहीं गिरता था। कुछ जगहों पर जिक्र मिलता है कि ये लंबे या नोक वाले भाले होते थे, जिनमें बारूद भरकर मारा जाता था। किसी चीज से टकराकर जो फट जाते थे और जिससे आग पैदा होती थी। तीर-भालों की दुनिया में यह अपने आप में तब बड़ा हथियार माना जाता था।
कैसे बने आधुनिक हथियार?
13वीं शताब्दी तक मध्य एशिया के रास्ते यूरोप तक बारूद पहुंच गया था। बारूद को और घातक बनाने के लिए यूरोपीय देशों ने सारी जुगत लगा दी। वे 75 प्रतिशत तक पोटैशियम नाइट्रेट, 15 प्रतिशत चारकोल और 10 प्रतिशतक सल्फर का इस्तेमाल करने लगे। 1350 ईस्वी तक, फ्रांस और अंग्रेजों की सेनाओं ने बारूदी तोपों का इस्तेमाल शुरू कर दिया था। यह वही दौर था, जब छोटे-छोटे आसानी से इधर-उधर ले जाने वाले तोपों का निर्माण शुरू हुआ। 15वीं सदी में लोगों के पास हथियार आने लगे। उस्मानी साम्राज्य के तुर्कों ने कॉन्सटैंटिनोपल की साल 1453 में घेराई कर ली थी। अब इस जगह को इंस्तांबुल के नाम से जाना जाता है।
यूरोप या एशिया, कहां बनी पहली बंदूक?
इसे लेकर अपने-अपने दावे हैं लेकिन चीन ने सबसे पहले ऐसे हथियार बनाए थे। चीन के आग और विस्फोटक हथियारों को ही दुनिया के पहले बंदूक का दर्जा मिला है।
यूरोप ने दिए दुनिया को आधुनिक हथियार
यह सच है कि अमेरिका, इंग्लैंड,जर्मनी, फ्रांस और रूस जैसे देशों ने दुनिया को आसानी से जेब में रखने वाले घातक हथियार दिए। सैमुअल कॉल्ट नाम के एक अमेरिकी शख्स ने 1835 में रिवॉल्वर बनाया। साल 1861 से 1865 तक चले गृहयुद्ध में इसका जमकर इस्तेमाल किया गया। 1862 में वैज्ञानिक रिचर्ड जॉर्डन गैटलिंग ने मशीनगन का बना लिया। फिर क्या दुनिया ने एक से बढ़कर एक हथियार बना डाले। असल्ट राइफल्स से लेकर एके-47 तक दुनिया के पास बेहद खतरनाक हथियार हैं।