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भीड़, अफवाह और मातम..., बेंगलुरु में RCB के जश्न में भगदड़ कैसे मच गई?

RCB की परेड में हुई भगदड़ में 11 लोगों के मारे जाने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है।

situation after stampede

भगदड़ के बाद का दृश्य, Photo Credit: PTI

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन का फाइनल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) ने जीता। 3 जून को फाइनल मैच जीतने के बाद यह टीम 4 जून को अपने होम टाउन पहुंची। कर्नाटक की सरकार ने टीम के स्वागत में एक कार्यक्रम रखा। एक कार्यक्रम कर्नाटक की विधानसभा के सामने रखा गया और दूसरा प्रोग्राम RCB के होम ग्राउंड यानी एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रखा गया। कुछ अफवाहों, खराब व्यवस्था और हद से ज्यादा भीड़ के चलते भगदड़ हो गई और इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 33 लोग घायल हो गए। अपनी टीम की जीत के जश्न में शामिल हुए लोग अपने साथ दुख और दर्द लेकर लौटे हैं। अब इस मामले पर बहुत कुछ हो रहा है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी इस पर दुख जताते हुए अलग-अलग बातें कह रही है और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने आड़े हाथ लिया है। अब इस मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले पर दोपहर 2:30 बजे सुनवाई होगी।

 

यह घटना बुधवार शाम की है। बताया गया था कि शाम को 4 बजे चिन्नास्वामी स्टेडियम में खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाना था। RCB की पूरी टीम विधानसभा से एक बस में सवार हुई और स्टेडियम के लिए रवाना हुई थी। लगभग डेढ़ किलोमीटर के इस रास्ते में भी लाखों लोग जमा हो गए थे। अब यह बात सरकार के नुमाइंदे भी स्वीकार कर रहे हैं कि उम्मीद से ज्यादा लोग वहां इकट्ठा हो गए थे। 

 

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कहां हुई चूक?

 

रिपोर्ट के मुताबिक, इस इवेंट को लेकर जो कनफ्यूजन पैदा हुआ वही इस हादसे की अहम बना। पहले RCB की ओर से जानकारी दी गई थी कि बेंगलुरु में विक्ट्री परेड होगी। फिर बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि कोई विक्ट्री परेड नहीं होगी लेकिन स्टेडियम में कार्यक्रम होगी।

 

कर्नाटक विधानसभा के बाहर जुटी थी भारी भीड़, Photo Credit: PTI

 

 

दूसरी तरफ, विधानसभा के बाहर और स्टेडियम में तैयारियां चल रही थीं। खुद कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार विधानसभा के बाहर तैयारियों का जायजा लेने भी पहुंचे। बेंगलुरु की सड़कों पर भीड़ बढ़ती जा रही थी, इसी बीच 3 बजकर 14 मिनट पर RCB मैनेजमेंट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि शाम के 5 बजे विक्ट्री परेड निकाली जाएगी। इसके लिए फ्री पास भी ऑनलाइन दिए जाने लगे। 

 

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इस तरह लगातार बदलती जानकारी ने लोगों में एक भ्रम पैदा कर दिया। लोगों को उम्मीद थी कि वे आसानी से स्टेडियम के अंदर जा पाएंगे और अपने चहेते खिलाड़ियों को देख पाएंगे। जिन्हें जानकारी नहीं थी उन्हें लगा कि एंट्री फ्री में बिना पास के हो जाएगी। इस तरह की बातों की वजह से लाखों की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई।

खराब मैनेजमेंट

 

दरअसल, इसमें एक बड़ी चूक यह भी हुई कि प्रशासन और पुलिस ने योजना ही सही तरीके से नहीं बनाई। एक कार्यक्रम विधानसभा के बाहर रखा गया तो दूसरा स्टेडियम में। विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने RCB के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के बाद टीम के सभी लोग एक बस में बैठकर स्टेडियम की ओर रवाना हुए। 

भारी भीड़ और जोरदार शोर के बीच RCB की टीम लगभग 6 बजे स्टेडियम पहुंची। लगभग इसी समय भगदड़ मच गई थी और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 6:30 बजे तक जानकारी सामने आने लगी कि लोगों की जान गई है। 7:50 बजे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि 11 लोगों की जान गई है।

 

स्टेडियम में घुसने की कोशिश करते लोग, Photo Credit: PTI

 

क्या बोले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया?

 

इस घटना के बारे में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'वहां के गेट छोटे हैं। लोग इन गेट से घुसे। उन्होंने गेट तोड़ भी दिए और भगदड़ मच गई। किसी ने यह उम्मीद नहीं की थी कि इतनी भीड़ जुट जाएगी। प्राथमिक तौर पर यही लग रहा है। मैं यह नहीं कर रहा कि कुछ नहीं हुआ। जांच में और बातें सामने आएंगी। गेट पर लगभग 1.5 लाख लोग इकट्ठा हो गए थे और अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे। कहीं-कहीं गेट टूट गए और भगदड़ मच गई। यह भगदड़ स्टेडियम में घुसने की कोशिश में मची।'

 

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एक पुलिस अफसर ने कहा, 'भीड़ कंट्रोल से बाहर थी। हमने पुलिस फोर्स तैनात कर रखी थी लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी। कुछ जगहों पर हमें लाठीचार्ज भी किया। समस्या यह थी कि स्टेडियम के गेट संकरे थे और दबाव इतना बढ़ गया कि भीड़ ने गेट तोड़ दिया। जिनके पास टिकट थे, उन्हें अंदर जाने दिया गया था।'

 

 

आपको बता दें कि इस स्टेडियम की कुल क्षमता लगभग 35 हजार ही है। पुलिस के अनुमानों के मुताबिक, लगभग 2 से 3 लाख लोग वहां जमा हो गए थे। 3:30 बजे ही भीड़ इतनी हो गई कि स्टेडियम के गेट बंद करने पड़े। 

गृहमंत्री का बयान

 

अब इस घटना के बारे में कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा है, 'मुख्यमंत्री ने मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जांच की रिपोर्ट सरकार के पास आने दीजिए, अगर कहीं कोई चूक पाई जाएगी तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हमने RCB या KCA से अनुरोध नहीं किया था, उन्होंने खुद यह कार्यक्रम आयोजित किया था। वही टीम को बेंगलुरु लेकर आए। सरकार को भी लगा कि टीम का सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि यह बेंगलुरु की टीम है। मुझे दुख है कि ऐसी घटना हुई।'

 

भगदड़ के बाद सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमई कृष्णा ने क्यूबन पार्क पुलिस स्टेशन में सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दी है। आम आदमी पार्टी के नेता लोहित अनुमानपुरा ने भी शिकायत दी है और KCA के सीईओ के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। दूसरी तरफ, विपक्षी बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार पर हमलावर है।

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