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जहां दमकल गाड़ियां नहीं पहुंचती, वहां पहुंचा रोबोट; कैसे बुझाता है आग?

हैदराबाद के गुलजार हाउस में लगी आग पर काबू पाने में फायरफाइटिंग रोबोट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये रोबोट कैसे काम करते हैं? आइये इसे विस्तार से समझते हैं।

Hyderabad fire robot rescue

हैदराबाद आग्निकांड: Photo Credit: PTI

हैदराबाद के चारमीनार क्षेत्र के पास स्थित गुलजार हाउस में एक भयावह हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। संकरी गलियों, एक मीटर चौड़ी सीढ़ियों और छोटी एंट्री गेट वाली इस इमारत में आग ने कुछ ही मिनटों में सबकुछ तबाह कर दिया। अंदर मौजूद एक ही परिवार के 17 सदस्य—जिसमें 8 बच्चे और 5 महिलाएं शामिल थीं—इस भयानक हादसे में झुलसकर जान गंवा बैठे। आग इतनी तेजी से फैली कि न कोई चीख सुनाई दी, न कोई मदद की पुकार लगाई जा सकी।

 

आग की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया। मौके पर 11 दमकल गाड़ियां, 2 रेस्क्यू टेंडर, 3 वॉटर टेंडर, 1 ब्रोंटो स्काईलिफ्ट और 1 एडवांस्ड फायर फाइटिंग रोबोट को तैनात किया गया। इमारत की ऊपरी मंजिल धुएं से पूरी तरह भर चुकी थी, जिससे अंदर पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया था। संकरी गलियों और सीमित जगह के कारण पारंपरिक दमकल गाड़ियों के लिए वहां तक पहुंचना संभव नहीं था।

 

 

 

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हैदराबाद अग्निकांड में इस्तेमाल हुए रोबोट

ऐसे में एडवांस्ड फायर फाइटिंग रोबोट और स्काईलिफ्ट हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म ने राहत कार्य में अहम भूमिका निभाई। ये अत्याधुनिक उपकरण खासतौर पर ऐसे इलाकों के लिए बनाए गए हैं, जहां पारंपरिक फायर ब्रिगेड की पहुंच नहीं होती। फायर रोबोट तंग गलियों में बिना इंसानी जोखिम के अंदर घुसकर आग पर काबू पाने में मदद करता है, वहीं स्काईलिफ्ट प्लेटफॉर्म ऊंची इमारतों तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करता है।

 

बढ़ती गर्मी और शहरीकरण के साथ आग लगने की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि फायरफाइटिंग के लिए नई तकनीकों को अपनाया जाए और हर शहर में उपलब्ध कराया जाए। आइए अब जानें कि ये फायर रोबोट और हाइड्रोलिक स्काईलिफ्ट आखिर काम कैसे करते हैं और क्यों ये भविष्य की फायर सर्विस का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं।

 

एडवांस्ड फायर रोबोट: क्या है और कैसे काम करता है?

एडवांस्ड फायर रोबोट एक हाई-टेक मशीन है, जिसे खतरनाक आग बुझाने और बचाव कार्य के लिए डिजाइन किया गया है। हैदराबाद में इसका इस्तेमाल बहुत प्रभावी रहा। दरअसल, यह एक रिमोट-कंट्रोल रोबोट है, जो इंसानों के लिए खतरनाक जगहों पर जा सकता है। हैदराबाद में इस्तेमाल हुआ रोबोट फ्रांस में बना था, जिसकी कीमत लगभग 1.6 करोड़ रुपये है। इसे मुंबई की एक कंपनी ने सप्लाई किया था। इसकी पेलोड क्षमता 500 किलोग्राम है, यानी यह भारी सामान ले जा सकता है। 

 

कैसे काम करता है?

इसे दूर से ऑपरेटर नियंत्रित करते हैं, जिससे कर्मचारियों को आग के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें पानी या फोम छिड़कने वाली बंदूक होती है, जो आग को तेजी से बुझाती है। यह स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बना होता है, जो इसे गर्मी से बचाता है। यह रोबोट घायलों को बाहर निकालने या फंसे लोगों तक सामान पहुंचाने में मदद करता है। 

 

इसकी खासियत की बात करें तो यह संकरी जगहों, जैसे गुलजार हाउस की तंग गलियों में आसानी से जा सकता है। जहां, बड़ी दमकल गाड़ियां नहीं पहुंच पाती है। गुलजार हाउस की संकरी गलियों में रोबोट ने आग बुझाने में बहुत मदद की। यह रोबोट धुएं और गर्मी से भरी जगहों पर गया, जहां अग्निशमन कर्मियों के लिए खतरा था। इसने पानी और फोम का छिड़काव कर आग को काबू करने में सहायता की। 

 

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स्काईलिफ्ट हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म: क्या है और कैसे काम करता है?

ब्रोंटो स्काईलिफ्ट एक हाइड्रोलिक मशीन है, जो ऊंची इमारतों में आग बुझाने और लोगो को बचाने के लिए बनाई गई है। यह एक लंबा, हाइड्रोलिक बूम वाला उपकरण है, जो दमकल गाड़ी पर लगा होता है। यह 30-120 मीटर तक ऊंचाई तक पहुंच सकता है, यानी यह 10 से 40 मंजिल ऊंची इमारतों तक पहुंचकर आग बुझा सकता है। इसमें एक प्लेटफॉर्म होता है, जहां कर्मचारी खड़े होकर काम करते हैं। पानी की तेज धार छोड़ने वाली नोजल होती है, जो आग को बुझाने में कारगर साबित होती है। 

 

कैसे काम करता है?

हाइड्रोलिक सिस्टम की मदद से इसका बूम ऊपर उठता है और ऊंची मंजिलों तक पहुंचता है। इसमें हाई-प्रेशर वॉटर जेट या फोम सिस्टम होता है, जो 150 बार के दबाव से पानी छोड़ सकता है। प्लेटफॉर्म पर कर्मचारी फंसे लोगों को सुरक्षित नीचे ला सकते हैं। इसका डिजाइन स्थिर होता है, जिससे ऊंचाई पर काम करने में जोखिम कम होता है। 

 

हैदराबाद के गुलजार हाउस की ऊपरी मंजिलों पर आग फैल चुकी थी। ब्रोंटो स्काईलिफ्ट ने ऊंचाई तक पहुंचकर पानी और फोम का छिड़काव किया था। इसने उन जगहों पर आग बुझाई, जहां सीढ़ी या सामान्य दमकल उपकरण नहीं पहुंच सकते थे। बचाव कार्य में भी इसने कर्मचारियों को ऊपरी मंजिलों तक पहुंचाने में मदद की थी। 

 

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इनकी खासियत क्या?

फायर रोबोट खतरनाक जगहों पर काम करता है और कर्मचारियों की जान बचाता है। यह संकरी जगहों के लिए सबसे सही चीज मानी जाती है। वहीं, स्काईलिफ्ट ऊंची इमारतों के लिए बहुत प्रभावी होता है और तेजी से बचाव और आग बुझाने में सक्षम होता है। दोनों ही आधुनिक तकनीक से लैस हैं, जो पुरानी दमकल गाड़ियों से कहीं बेहतर हैं। 

 

हैदारबाद के गुलजार हाउस में लगी आग को बुझाना मुश्किल था क्योंकि वहां की तंग गलियों में बड़े उपकरण नहीं पहुंच पा रहे थे। ऐसे में रोबोट ने इस काम को पूरा किया। भारी धुंए ने वीजिबिलिट कम की, जिससे चलते बचाव कार्य जल्दी हुआ और आग दूसरी इमारतों में नहीं फैला। बता दें कि फायर रोबोट जैसे उपकरण महंगे हैं, जिसके कारण हर जगह इनका इस्तेमाल सीमित है। 

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