इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक सेमिनार के दौरान भारत के रक्षा अताशे (भारतीय दूतावास या भारतीय उच्चायोग में तैनात सैन्य राजनयिक) ने बताया कि पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए सैन्य टकराव के पहले दिन भारत ने कुछ लड़ाकू विमान गंवा दिए थे। इसकी वजह यह थी कि सरकार ने शुरुआत में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर हमला करने की इजाजत नहीं दी थी और सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाने का आदेश दिया था।
यह बात नौसेना अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने 10 जून को हुए एक कार्यक्रम में कही। वह एक इंडोनेशियाई एयरोस्पेस एक्सपर्ट के उस दावे का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान 5 फाइटर जेट गंवाए जिनमें 3 राफेल, 1 मिग-29 और 1 सुखोई-30 शामिल हैं। एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारत के दो एस-400 लांचर भी तबाह कर दिए थे। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा किया गया था।
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कैप्टन शिव कुमार ने क्या कहा था?
कैप्टन शिव कुमार ने कहा, 'मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हमने इतने ज्यादा विमान खो दिए लेकिन हां, कुछ विमान जरूर नुकसान में गए और इसकी बड़ी वजह यह रही कि शुरुआत में हमें पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की इजाजत नहीं थी।' जानकारी के लिए बता दें कि नौसेना में कैप्टन का पद सेना में कर्नल के बराबर होता है। उन्होंने बताया कि कैसे शुरुआत में हुए हवाई नुकसान के बाद भारत ने अपनी रणनीति बदली और फिर पाकिस्तान पर पूरी तरह से दबदबा बना लिया।
कैप्टन ने कहा, 'शुरुआती झटके के बाद हमने प्लान बदला। सबसे पहले हमने उनकी एयर डिफेंस को टारगेट किया और उसे खत्म कर दिया। इसे मिलिट्री की भाषा में SEAD और DEAD कहा जाता है। इसके बाद हमने सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से हमला किया। 8, 9 और 10 मई को भारत ने पूरी तरह से आसमान में अपनी ताकत दिखा दी।'
गलत तरीक से पेश कर रही मीडिया
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि इस बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा, 'मीडिया रिपोर्ट्स में जो कहा गया है वह असल प्रेजेंटेशन के मकसद और बातों को तोड़-मरोड़ कर दिखाता है। उस प्रेजेंटेशन में बताया गया था कि भारत की सेना सिविल लीडरशिप के अंडर काम करती है, जो हमारे पड़ोसी देशों से अलग है। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकियों के अड्डों को निशाना बनाना था और भारत की कार्रवाई बिल्कुल संयमित थी।'
कुमार की यह बात जनरल अनिल चौहान के उस बयान के करीब एक महीने बाद आई है, जो उन्होंने 31 मई को सिंगापुर में दिया था। जनरल चौहान ने कहा था कि 7 मई को भारत ने कुछ रणनीतिक गलतियों की वजह से अपने लड़ाकू विमान गंवाए थे लेकिन भारतीय वायुसेना ने तेजी से सुधार करते हुए न सिर्फ बड़ी संख्या में अपने विमानों को सुरक्षित वापस बुला लिया, बल्कि पड़ोसी देश के भीतर सटीक हमले भी किए।
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सरकार की ओर से था सख्त निर्देश
सरकार की तरफ से अभी तक यह साफ नहीं किया गया है कि इस झड़प के दौरान विमान गंवाने पर सेना के बड़े अफसरों के बयानों पर उनकी क्या राय है। करीब 35 मिनट के अपने प्रेजेंटेशन में कुमार ने कहा कि सरकार ने सेना को सिर्फ एक सख्त निर्देश दिया था – 'आतंकी ठिकानों के अलावा किसी और को निशाना नहीं बनाना।' उन्होंने यह बात पाकिस्तान और भारत के बीच हुए हवाई संघर्ष के विश्लेषण पर एक सेमिनार के दौरान कही, जो इंडोनेशिया की भविष्य की रणनीतियों को ध्यान में रखकर किया गया था। उन्होंने यह भी जोड़ा, 'न कोई सैन्य ठिकाना, न कोई आम नागरिक जगह… बस आतंकियों से जुड़ी चीजों पर ही हमला करना था।'