आईआईटी बाबा के नाम से मशहूर हुए अभय सिंह को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। अभय सिंह के पास से गांजा बरामद हुआ था, इसलिए उन्हें जयपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
SHO राजेंद्र कुमार गोदारा ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें अभय सिंह सुसाइड करने की धमकी दे रहे थे। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचे और अभय से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान अभय के पास से गांजा बरामद हुआ था। पुलिस ने गांजे को जब्त कर अभय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
अभय के खिलाफ नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। बाद में अभय को जमानत पर रिहा किया गया। उन्होंने बताया कि कम मात्रा में गांजा होने के कारण उन्हें जमानत मिल गई।
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गांजा या ड्रग्स पर क्या है कानून?
भारत में ड्रग्स रखना, खरीदना, बेचना या उसका सेवन करना अपराध है। ऐसा करने पर NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। हालांकि, सजा की अवधि ड्रग्स की मात्रा पर तय करती है। हर ड्रग्स की स्मॉल क्वांटिटी और कमर्शियल क्वांटिटी सरकार ने तय कर रखी है। स्मॉल और कमर्शियल क्वांटिंटी के आधार पर ही सजा तय होती है।
गांजा रखने पर कितनी सजा?
NDPS एक्ट के मुताबिक, अगर किसी के पास से 1 किलो या उससे कम गांजा बरामद होता है तो उसे स्मॉल क्वांटिटी माना जाएगा। वहीं, अगर 20 किलो या उससे ज्यादा गांजा मिलता है तो ये कमर्शियल क्वांटिटी में आएगा।
कानून के तहत, स्मॉल क्वांटिटी में ड्रग्स है तो 1 साल की जेल या 10 हजार का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। स्मॉल क्वांटिटी से ज्यादा लेकिन कमर्शियल क्वांटिटी से कम ड्रग्स मिलने पर 10 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं, कमर्शियल क्वांटिटी या उससे ज्यादा ड्रग्स पाए जाने पर 20 साल तक की कैद और 2 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है।
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ऐसे मामले में मिल सकती है छूट
NDPS एक्ट की धारा 27 में ड्रग्स या गांजा मिलने पर सजा का प्रावधान किया गया है। इस धारा में यह भी प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी ड्रग्स की स्मॉल क्वांटिटी के साथ पकड़ा जाता है तो उसे साबित करना होगा कि यह ड्रग्स उसके सेवन के लिए था न कि किसी को बेचने के लिए।
इसी कानून की धारा 64 में ऐसे लोगों को गिरफ्तारी से छूट मिली है, जिन्हें सरकार ने 'एडिक्ट' घोषित कर रखा है। अगर किसी व्यक्ति को किसी ड्रग्स की लत है और उसके पास से स्मॉल क्वांटिटी में ड्रग्स मिलता है तो उस पर केस नहीं चलाया जाता।
जमानत की क्या हैं शर्तें?
NDPS की धारा 37 में जमानत का प्रावधान है। इस कानून के तहत किए गए सभी अपराधों को 'संज्ञेय' माना गया है। इसका मतलब हुआ कि ऐसे अपराधों में पुलिस बिना किसी वारंट के भी आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे अपराधों में जमानत की शर्तें भी कठोर हैं। धारा 37 में जमानत की दो शर्तें बताई गई हैं। पहली- आरोपी इस तरह के अपराध का दोषी नहीं है। दूसरी- अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह इस तरह का अपराध नहीं करेगा। हालांकि, ये शर्त भी तभी लागू होती है जब आरोपी के पास से बहुत कम मात्रा में ड्रग्स बरामद होता है। आईआईटी बाबा के पास से 1.5 ग्राम गांजा ही मिला था, इसलिए उन्हें जमानत मिल गई।