झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले इनकम टैक्स विभाग की टीम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव से संबंधित रांची और जमशेदपुर सहित करीब 9 जगहों पर छापेमारी की है. सूत्रों के मुताबिक यह छापेमारी राज्य में कथित शराब व्यापार और खनन से जुड़े मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा शुरू की गई जांच का हिस्सा है.
कौन हैं सुनील श्रीवास्तव
खबरों के मुताबिक सुनील श्रीवास्तव पहले पेशे से इंजीनियर रहे हैं बाद में हेमंत सोरेन से जुड़े और फिर उनके निजी सचिव के रूप में काम किया. यह भी कहा जा रहा है कि सुनील श्रीवास्तव झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के केंद्रीय समिति के सदस्य और पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं. कहा जाता है हेमंत सोरने के करीबी होने के नाते जेएमएम के अन्य बड़े नेताओं के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं.
पहले गिरफ्तार हो चुके हैं हेमंत सोरेन
इसके पूर्व हेमंत सोरेन को कथित जमीन घोटाले मामले में जेल जाना पड़ा था. उन पर 8.86 एकड़ जमीन के अवैध रूप से मालिकाना हक के बदलने का आरोप था जिसके कारण पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
उनके पहले झारखंड के दो मुख्यमंत्रियों उनके पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा को गिरफ्तार किया जा चुका है. मधु कोड़ा को मनी लॉन्डरिंग के जरिए आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने कोयले की खदानों के आवंटन में रिश्वत ली है. रिपोर्ट में कहा गया था इसके जरिए उन्होंने और उनके जानने वालों ने 4000 करोड़ का घोटाला किया था.
वहीं शिबू सोरेन को अपने निजी सचिव शशिनाथ झा के अपहरण और हत्या के मामले में हाईकोर्ट के द्वारा आजीवन कारावस की सजा सुनाई गई थी.
नवंबर में है चुनाव
झारखंड में 13 नवंबर और 20 नवंबरको दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि यह छापेमारी राजनीतिक कारणों से की जा रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में जेएमम को 30, बीजेपी को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं. इसके बाद जेएमएम और कांग्रेस ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी. इसके पहले 2024 में बीजेपी को 37, जेएमएम को 19 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं. इस बार राज्य में कुल 2.6 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिला मतदाता हैं. खास बात है कि इस बार करीब 11 लाख नए और 66 लाख युवा मतदाता हैं जो काफी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.