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वक्फ बिल ने तय कर दिया INDIA Alliance का भविष्य! अब आगे क्या?

वक्फ (संशोधन) विधेयक के दौरान विपक्षी इंडिया गठबंधन को एक बार फिर एकजुट कर दिया। लोकसभा और राज्यसभा में समूचा विपक्ष वोटिंग के मोर्चे पर एक साथ दिखा।

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इंडिया गठबंधन। Photo Credit- PTI

लगभग एक साल पहले 'इंडिया अलायंस' ने मजबूत दिखाई दे रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने से रोक दिया था। विपक्षी एकता का यह गठबंधन ऐसी तैयारी से लोकसभा चुनाव में उतरा कि उसने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बहुमत के आंकड़े (272) से महज 21 सीट ही आगे बढ़ने दिया। चुनाव में एनडीए को 293 सीटें मिलीं, जबकि इंडिया अलायंस को 234 सीटें मिलीं। यानी कि विपक्ष ने एकजुट होकर एक साल पहले जो ताकत दिखाई थी, वही ताकत एक बार फिर से देखने को मिली है। 

 

वक्फ (संशोधन) विधेयक के दौरान विपक्षी इंडिया गठबंधन को एक बार फिर एकजुट कर दिया। इससे यह साबित हो गया है कि इंडिया गठबंधन का अस्तित्व अभी भी है और आगे भविष्य में भी रहेगा। दरअसल, यह बात इसलिए सामने आई है क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा और दिल्ली के विधानसभा चुनाव हुए लेकिन इन चुनाओं में इंडिया गठबंधन बिखरा हुआ नजर आया। इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को दोनों की जगहों पर ऐतिहासिक रूप से सरकार बनाने का मौका मिल गया। 

 

बिल लोकसभा-राज्यसभा में बहुमत के साथ पारित

 

वक्फ संशोधन बिल जोरदार हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से बहुमत के साथ पारित हो गया है। अब यह राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। बिल पर लोकसभा में पक्ष और विपक्ष में जोरदार बहस हुई, दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। लोकसभा आधी रात तक चली। आखिरकार बिल को लेकर वोटिंग हुई और बिल 288 (पक्ष), 232 (विपक्ष) के बहुमत से लोकसभा में पास हो गया।

 

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इसके बाद वक्फ बिल को राज्यसभा में सरकार की तरफ से पेश किया गया। यहां भी गहमागहमी भरी बहस आधी रात तक होती रही। इंडिया गठबंधन ने बिल को लेकर विरोध जताया तो एनडीए ने बिल को समर्थन करते हुए इसे बहुमत के साथ पास करवा लिया। राज्यसभा में वक्फ बिल के पक्ष में 128 तो विपक्ष में 95 वोट पड़े।  

 

चाहे लोकसभा हो या राज्यसभा, दोनों जगहों पर एकजुटता के साथ हुई विपक्षी वोटिंग ने इंडिया गठबंधन की मजबूती दिखाई है। अब इससे ये साबित हो गया है कि विपक्ष इसके सहारे आने वाले विधानसभा चुनावों में मिलकर लड़ सकता है। हालांकि, यह बात ध्यान दिलानी जरूरी है कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था, राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए नहीं। 

 

6 राज्यों में विधानसभा चुनाव में दिखेगा गठबंधन?

 

आने वाले एक साल में देश के 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल और केरल के चुनाव सबसे सबसे प्रमुख हैं। इसके अलावा पुडुचेरी में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल में विपक्ष की अपने दम पर सरकारें चल रही हैं। तमिलनाडु में एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी और केरल में लेफ्ट मोर्चे की सरकार है। बिहार में एनडीए की सरकार भले से है लेकिन राज्य में राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले विपक्षा महागठबंधन काफी मजबूत है। 

 

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निष्क्रिय पड़े इंडिया अलायंस को मिली नई 'जान' 

 

बिहार में इसी साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार चुनाव में वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में जेडीयू का वोट करना उसे नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि राज्य में मुसलमानों का एक तबका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी का पारंपरिक वोटर है। लेकिन जेडीयू द्वारा बिल का समर्थन करने पर मुस्लिम वोट उससे छिटक कर विपक्ष की ओर जा सकते हैं। 

 

महागठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां और वीआईपी संगठित होकर चुनाव लड़ती हैं तो इंडिया गठगंधन को फायदा मिल सकता है। कुल मिलाकर वक्फ (संशोधन) विधेयक के मुद्दे ने निष्क्रिय पड़े इंडिया अलायंस में नई जान फूंक दी है, जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।

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