भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बोर्ड की मीटिंग होनी है। पाकिस्तान की ओर से भारत के शहरों को निशाना बनाने की कोशिशों के बीच भारत की कोशिश रहेगी कि पाकिस्तान को IMF की ओर से मिलने वाले लोन को रोकने की दिशा में कदम उठाया जाएगा। इस मीटिंग में चर्चा होनी है कि क्या पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया जाना चाहिए। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी कहा है कि IMF में भारत के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इस मुद्दे को प्रमुखता से रखेंगे। भारत की मांग है कि IMF बोर्ड के सदस्य इस बात पर ध्यान दें कि जितने पैसे पाकिस्तान को दिए गए हैं, उनका कैसा इस्तेमाल हुआ है। रोचक बात है कि पाकिस्तान पर IMF का कुल 6.23 बिलियन डॉलर का कर्ज भी है।
भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान को मिलने वाले फंड को रोका जाए। इसके लिए भारत न सिर्फ IMF से अपील कर रहा है बल्कि विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसे संस्थानों से भी बात की जा रही है। फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) से भी संपर्क साधा जा रहा है ताकि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला जा सके।
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क्या कह रहा है भारत?
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने अपने बयान में कहा है, 'IMF में हमारे एक एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। IMF बोर्ड की मीटिंग होनी है और हमें पूरी उम्मीद है कि एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भारत की बात रखेंगे। बोर्ड का फैसला एक अलग मसला है लेकिन मेरा मानना है कि पाकिस्तान के बारे में लोगों को अपने-आप समझ जाना चाहिए। खासकर उन लोगों को जरूर ध्यान देना चाहिए जो इस देश को कर्ज से उबारने के लिए अपनी जेबें खोल देते हैं।' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले 3 दशक में कई बार बेलआउट प्रोग्राम चलाकर पाकिस्तान को पैसे दिए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा है, 'मुझे लगता है कि उन्हें सोचना चाहिए कि ऐसे कितने प्रोग्राम नतीजे तक पहुंचे हैं। संभवत: ज्यादा प्रोग्राम अंजाम तक नहीं पहुंचे हैं। मेरी राय में IMF के बोर्ड मेंबर्स को खुद ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लेना होगा।' ध्यान देने वाली बात यह है कि IMF से लगातार मिल रहे लोन की बदौलत पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है।
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आपको बता दें कि साल 1950 में IMF की स्थापना से लेकर अभी तक कुल 25 बार पाकिस्तान के लिए पैसों का इंतजाम किया है। 31 मार्च 2025 तक के डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान पर IMF का कुल 6.23 बिलियन डॉलर का कर्ज बकाया था। मौजूदा समय में IMF पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर का पैकेज दे रहा है जिसे सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी। 37 महीने तक चलने वाले इस एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी प्रोग्राम में कुल 6 रिव्यू होने हैं। हर 1 बिलियन डॉलर की रकम के लिए परफॉर्मेंस रिव्यू भी होना है। 9 मई की मीटिंग में 1.3 बिलियन डॉलर की रकम देने पर चर्चा और समीक्षा होनी है।