logo

ट्रेंडिंग:

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा, RBI ने क्या बताया?

मई के आखिरी सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। हालांकि स्वर्ण भंडार की कीमतों में उछाल आया है। आईएमएफ में भारत के आरक्षित भंडार में भी 60 लाख डॉलर की कमी दर्ज की गई है।

India foreign exchange reserves decreased

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी। (AI Generated Image)

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में मामूली गिरावट आई है। शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने बताया कि 30 मई को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 1.24 अरब डॉलर की गिरावट आई है। अब भंडार 691.49 अरब डॉलर रह गया। आरबीआई के मुताबिक पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में 6.99 अरब अमेरिकी डॉलर का इजाफा हुआ था। तब यह बढ़कर 692.72 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।

 

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि 691.5 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से अधिक के माल आयात और करीब 96 प्रतिशत बकाया विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए पर्याप्त है। विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे अधिक हिस्सेदारी फॉरेन करेंसी एसेट्स की होती है। इस सप्ताह इसमें भी 19.52 लाख डॉलर की गिरावट आई है। फॉरेन करेंसी एसेट्स का भंडार 584.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

 

यह भी पढ़ें: विकास का मंत्र, पाकिस्तान को संदेश, कश्मीर में क्या-क्या बोले PM मोदी?

बढ़ रहा स्वर्ण भंडार का मूल्य

देश का स्वर्ण भंडार तेजी से बढ़ रहा है। इस सप्ताह स्वर्ण भंडार का मूल्य 72.3 लाख डॉलर बढ़कर 84.30 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। दुनियाभर की केंद्रीय बैंक अपने विदेशी भंडार में सोना अधिक जमा करने में जुटी हैं। भारत भी इसी रणनीति पर काम कर रहा है। बता दें कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में रखे सोने का हिस्सा 2021 की तुलना में अब लगभग दोगुना हो चुका है। 

आईएमएफ में भी भारत का भंडार घटा

आरबीआई के मुताबिक विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 20 लाख डॉलर से घटकर 18.57 अरब डॉलर हो गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत का आरक्षित भंडार भी 60 लाख डॉलर घटकर 4.39 अरब डॉलर हो गया। बता दें कि पिछले साल सितंबर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। यह अभी तक का सर्वोच्च आंकड़ा है।

 

यह भी पढ़ें: चुनाव में ट्रंप के लिए खूब पैसे उड़ाए, अब एलन मस्क का झगड़ा क्यों हुआ?

क्यों घटता-बढ़ता है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मु्द्रा भंडार में किसी भी देश का केंद्रीय बैंक कुछ परिसंपत्तियों को रखता है। इसमें सबसे अधिक मात्रा अमेरिकी डॉलर की होती है। इसके अलावा यूरो, जापानी येन जैसी मुद्राएं भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होती हैं। जब रुपये का मूल्य गिरता है तो आरबीआई इसे रोकने की खातिर डॉलर बेचने समेत कई अन्य उपायों को अपनाता है। आरबीआई का सिंपल फंडा है कि रुपये मजबूत होने पर डॉलर को खरीदता है और कमजोर होने पर बेचता है। विदेशी मुद्रा की कीमतों के बदलाव का असर मुद्रा भंडार पर पड़ता है। 

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap