केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के लिए शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए हैं। दिसंबर तिमाही में भारत की विकास दर यानी जीडीपी 6.2 फीसदी रही। यह अनुमान 6.3 फीसदी से थोड़ा कम है। हालांकि, यह विश्लेषकों की उम्मीदों के लगभग आसपास है। इसको देखते हुए पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी वृद्धि 6.5 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है।
इससे पहले जारी वित्त वर्ष (2024-25) की दूसरी तिमाही में विकास दर 5.6 फीसदी रही थी। दरअसल, विश्लेषकों ने उम्मीद जताई थी कि सरकारी खर्च बढ़ने की वजह से वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगी, जबकि पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) में यह 5.4 प्रतिशत रही थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में जीडीपी में 6.2 प्रतिशत की बढोत्तरी दर्ज की गई थी।'
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जारी किए आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, भारत का सकल मूल्य वर्धित या जीवीए, जो जीडीपी माइनस शुद्ध उत्पाद कर है और आपूर्ति में बढोत्तरी को दर्शाता है, अक्टूबर-दिसंबर 2024 (वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही) के दौरान साल-दर-साल 6.2 फीसदी बढ़ा।
विकास की गति बनी रहेगी
महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि को भी संशोधित करके 5.6 फीसदी कर दिया गया है, जबकि पहले यह 5.4 फीसदी बताई गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स में सुधार और नीतिगत दरों में कटौती से वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद विकास की गति बनी रहेगी।
बता दें कि जीडीपी का आंकड़ा आने से पहले ही शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने का मिली, जिससे निवेशकों को लाखों करोड़ रुपये डूब गए। संभव है कि बाजार को जीडीपी के आंकड़ों के बारे में पहले से भनक लग गई थी जो कि अनुमान से कम रहने वाले थे। सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 1,414 अंक लुढ़ककर 73,198 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 420 अंक टूटकर 22,124 के स्तर पर आ गया।