बेंगलुरु के एक ट्रेनी पायलट ने इंडिगो एयरलाइंस के 3 सीनियर अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। ट्रेनी पायलट ने आरोप लगाया है कि उनके साथ एयरलाइंस के गुरुग्राम ऑफिस में जाति के आधार पर उत्पीड़न, अपमान और प्रोफेशनल उत्पीड़न किया गया। पायलट की शिकायत पर आरोपी तापस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल के खिलाफ SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब इस पर इंडिगो ने बयान जारी किया है और सभी आरोपों को खारिज किया है। इंडिगो ने यह भी कहा है कि वह इस मामले की जांच में पूरा सहयोग करेगा।
यह शिकायत पहले बेंगलुरु में जीरो FIR के तौर पर शुरू हुई थी। इसके बाद गुरुग्राम के DLF-1 पुलिस स्टेशन में इस FIR को ट्रांसफर कर दिया गया क्योंकि कथित तौर पर यह घटना यहीं हुई थी। शिकायतकर्ता पायलट के अनुसार, उसके साथ उत्पीड़न की घटना इंडिगो के मुख्यालय गुरुग्राम के MR कैपिटल टॉवर 2 में हुई थी। पुलिस इस पायलट के आरोपों की जांच कर रही है। इस मामले पर इंडिगो ने भी बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है।
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पायलट के साथ क्या हुआ था?
पायलट ने इस घटना के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पायलट ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके पहुंचने के तुरंत बाद ही उसके साथ दुर्व्यवहार शुरू हो गया था। उसके ऑफिस में पहुंचते ही कथिच तौर पर तापस डे ने उसे अपमानजनक तरीके से अपना फोन और बैग कमरे के बाहर छोड़ने का निर्देश दिया। पायलट के अनुसार, इस अपमान के बाद ही उसके साथ दुर्व्यवहार की शुरूआत हो गई थी।
पायलट ने बताया कि 30 मिनट तक चली मीटिंग लगभग साढे 3 बजे शुरू हुई थी। पायलट का आरोप है कि इस दौरान अधिकारियों ने उस पर जातीय कमेंट किए। उन्होंने कथित तौर पर पायलट को कहा, 'तुम जहाज उड़ाने के लायक नहीं हो, वापस जाओ और चप्पल सिलो।' इसके अलावा पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उससे कहा, 'तुम्हारे पास यहां चौकीदार बनने की भी योग्यता नहीं है।' पायलट ने कहा कि ये टिप्पणियां अनुसूचित जाति से होने के कारण उन्हें अपमानित करने लिए की गई थीं।
इस्तीफा लेने के लिए किया अपमान?
पायलट ने आरोप लगाया कि कंपनी के अधिकारी उनसे इस्तीफा लेना चाहते थे और इसके लिए दबाव डालने के लिए उन्होंने जानबूझकर उनका उत्पीड़न किया और अपमानजनक टिप्पणियां की। पायलट ने अपनी शिकायत में कहा कि अधिकारियों ने जातिय टिप्पणियों के अलावा सैलरी कटौती, जबरन ट्रेनिंग, यात्रा विशेषाधिकार रद्द करना और अनुचित वार्निंग लेटर की धमकी भी दी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सीनियर मैनेजमेंट के सामने यह मुद्दा उठाने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई ना होने के कारण उसे SC/ST सेल से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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इंडिगो ने क्या कहा?
इस घटना के सामने आने के बाद इंडिगो एयरलाइंस पर सवाल उठने लगे थे। हालांकि, इंडिगो ने इस मामले में अपना पक्ष साफ करते हुए एक बयान जारी किया है। इंडिगो के प्रवक्ता, 'इंडिगो किसी भी तरह के भेदभाव, उत्पीड़न या पक्षपात के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है और एक सम्मानजनक वर्कप्लेस के लिए इंडिगो प्रतिबद्ध है। इंडिगो इन निराधार दावों का पूरी तरह से खंडन करता है और निष्पक्षता, अखंडता और जवाबदेही के अपने मूल्यों पर कायम है।' इंडिगो के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जब भी जरूरत होगी तो कंपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करेगी।
पायलट की शिकायत पर SC/ST अधिनियम की सार्वजनिक रूप से जानबूझकर अपमान और धमकी देने से संबंधित धारा 3(1)(R) और 3(1)(S) के तहत FIR दर्ज की गई है। साथ ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(2), 352 और 3(5) के तहत भी FIR दर्ज की गई है।