इन्फोसिस के को-फाउंडर सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) के पूर्व डायरेक्टर बलराम और 16 अन्य लोगों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये मामला कर्नाटक के बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है।
मामला दर्ज क्यों?
मामला एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसने आरोप लगाया था कि उसे हनी ट्रैप के मामले में झूठा फंसाया गया था और बाद में IISC से नौकरी से निकाल दिया था। उस वक्त क्रिस गोपालकृष्णन बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सदस्य थे। ये शिकायत दुर्गप्पा ने दर्ज कराई थी, जो आदिवासी बोवो समुदाय से आते हैं।
क्या है पूरा मामला?
दुर्गप्पा IISC में सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी में फैकल्टी थे। उन्होंने दावा किया है कि 2014 में उन्हें हनी ट्रैप के मामले में झूठा फंसाकर नौकरी से निकाल दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गप्पा ने आगे आरोप लगाया है कि उन्हें जातिवादी दुर्व्यवहार और धमकियों का सामना भी करना पड़ा।
कौन हैं क्रिस गोपालकृष्णन?
इन्फोसिस के को-फाउंडर्स में से एक क्रिस गोपालकृष्णन 2011 से 2014 तक इन्फोसिस के वायस चेयरमैन थे। इससे पहले 2007 से 2011 तक वो इन्फोसिस के सीईओ और एमडी थे। 2013-14 में उन्हें चैंबर ऑफ कन्फिडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) का अध्यक्ष चुना गया था।
जनवरी 2011 में केंद्र सरकार ने गोपालकृष्णन को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उन्होंने IIT मद्रास से फिजिक्स और कम्प्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की है।