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बंगाल: होली में झड़प के बाद बीरभूम में तनाव जारी, इंटरनेट सेवा बंद

इंटरनेट और वॉयस-ओवर-इंटरनेट टेलीफोनिक सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं लेकिन वॉयस कॉल और एसएमएस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

Representational Image । Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में शनिवार को दो समूहों के बीच हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ गया, जिसके कारण शहर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी भी तैनात की है।

 

अधिकारियों के अनुसार, अफवाहों और गैरकानूनी गतिविधियों को फैलने से रोकने के लिए पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सैंथिया के कम से कम पांच ग्राम पंचायत क्षेत्रों में इंटरनेट और वॉयस-ओवर-इंटरनेट टेलीफोनिक सेवाएं निलंबित कर दी गईं। यह 17 मार्च तक प्रभावी रहेगा।

 

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वॉयस कॉल पर नहीं होगा प्रतिबंध

आदेश में आगे कहा गया है कि वॉयस कॉल या एसएमएस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। इसी तरह, समाचार पत्रों पर भी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

 

इंटरनेट सस्पेंड करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह कानून-व्यवस्था की गिरती स्थिति का सबूत है।

 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह दिखाता है कि प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में 'अक्षम' है।

 

उन्होंने लिखा, 'पश्चिम बंगाल सरकार अपनी साख बचाने के लिए सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को छिपाने की पूरी कोशिश कर रही है। मैं @HMOIndia और महामहिम, माननीय @BengalGovernor से आग्रह करता हूं कि वे राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव (@chief_west) से रिपोर्ट मांगें।'

 

 

बीरभूम में आखिर हुआ क्या?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, होली के मौके पर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के सैंथिया शहर में एक ग्रुप और कुछ अन्य नशे में धुत व्यक्तियों के बीच कथित तौर पर कहासुनी हो गई। 

स्थिति तब और बिगड़ गई जब दोनों समूहों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंके और हाथापाई की, जिसमें कुछ स्थानीय लोग घायल हो गए।

 

बाद में, पुलिस ने हल्के लाठीचार्ज के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया।

 

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'बंगाल सरकार छिपा रही सच्चाई'

वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आगे दावा किया कि झड़प की घटनाएं न केवल बीरभूम में बल्कि तमलुक, नंदकुमार और राज्य भर के अन्य क्षेत्रों में भी हुई हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को छिपाने की कोशिश कर रही है और उन्होंने गृह मंत्रालय, बंगाल के राज्यपाल और मुख्य सचिव से इस मुद्दे में हस्तक्षेप करने और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने का आग्रह किया।

 

केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी बीरभूम की घटना को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला बोला और राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए उस पर 'निष्क्रिय' होने और प्रोफेशनलिज़म खत्म कर देने का आरोप लगाया।

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